जब भविष्य को लेकर स्थिति साफ न हो तो ऐसे में अपनी एकाग्रता बनाए रखना मुश्किल होता है, लेकिन पिस्टल निशानेबाज अभिषेक वर्मा एकाग्रता बनाए रखने के लिए काफी कुछ कर रहे हैं। वह नई भाषा जर्मन सीख रहे हैं और अपने आप को मानसिक तौर पर मजबूत रखने के लिए गिटार पर भी हाथ आजमा रहे हैं।कोविड-19 के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है और सभी खेल गतिविधियां बंद हैं। अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने भी इस साल के अपने सभी टूर्नामेंट्स स्थगित कर दिए हैं। अभिषेक ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "इस समय मानसिक तौर पर मजबूत रहना काफी मुश्किल होता है, लेकिन मेडिटेशन, योगा से मुझे मदद मिल रही है। अगर हम मानसिक तौर पर मजूबत रहेंगे और अपनी मानसिक स्थिति का ख्याल रखेंगे तो हम जल्दी इस चीज से निकल सकते हैं।"अभिषेक ने पिछले साल अप्रैल में बीजिंग में खेले गए विश्व कप 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण जीत ओलम्पिक कोटा हासिल किया था। उन्होंने कहा कि वह इस समय ऑनलाइन जर्मन भाषा सीख रहे हैं जिससे वो व्यस्त रहते हैं और यह उन्हें दिमाग तेज करने में भी मदद करेगी। 30 साल के अभिषेक ने कहा, "मैं दो घंटे ड्राय ट्रेनिंग करता हूं। मैं ड्ऱॉइंग भी बनाता हूं। इसके अलावा मैं यूट्यूब से जर्मन भाषा सीख रहा हूं। मैंने यह लॉकडाउन के दौरान ही शुरू किया है। मैं हमेशा से विदेशी भाषा सीखना चाहता था। यह दिमाग को तेज करती है। हम बार बार जर्मनी जाते भी रहते हैं तो यह मदद करेगी।"इस निशानेबाज ने आगे कहा कि वह हाई स्कूल में गिटार बजाते थे लेकिन इसके बाद इसे जारी नहीं रख पाए। इस समय ने उन्हें मौका दिया है कि वह फिर गिटार पर हाथ आजमाएं। अभिषेक ने कहा, "मैं शाम को एक्सरसाइज करता हूं। जब मैं 12वीं क्लास में था तो मैंने गिटार सीखा था। लेकिन इसके बाद इसे उपयोग में नहीं लिया। अब मैंने इसे दोबारा बजाना शुरू कर दिया है मैं अपने भाइयों के साथ ऑनलाइन लूडो भी खलेता हूं।"