Tamilnadu में भीड़ ने मृत डॉक्टर के शव पर नहीं, इंसानियत पर हमला किया है!

एक ऐसे वक़्त में जब कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ाई लड़ने के कारण पूरा देश अपने कोरोना वारियर्स (Corona Warriors) पर गर्व कर रहा हो, कई मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिनमें हम लोगों को डॉक्टर्स(Doctors), नर्स (Nurse) और पुलिस (Police) पर हमला करते देख रहे हैं. हाल फिलहाल में मुरादाबाद (Muradabad) और उससे कुछ समय पहले इंदौर (Indore) इन हमलों का साक्षी बन चुका है. वहीं बात अगर देश के प्रधानमंत्री की हो तो पीएम मोदी (PM Narendra Modi) भी बार बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स, पुलिस वालों और पैरा मेडिकल स्टाफ को पूरा सम्मान दिया जाए और इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए. पीएम मोदी द्वारा की गई ये तमाम बातें एक तरफ़ हैं और तमिलनाडु (Tamilnadu) में जो कोरोना की भेंट चढ़े न्यूरोसर्जन डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस (Dr Simon Hercules) के साथ जो हुआ वो दूसरी तरफ है. डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस की कोरोना वायरस से मौत हो गयी थी जिनका अंतिम संस्कार करने जा रहे लोगों का न सिर्फ भीड़ द्वारा विरोध बल्कि उसने हमला तक किया और अंतिम संस्कार को लेकर जमकर उत्पात मचाया.

चेन्नई में कोरोना वायरस की चपेट में आए डॉक्टर साइमन के शव को ले जा रही एम्बुलेंस पर भीड़ ने हमला किया है
बता दे कि 55 साल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस कोरोना वायरस की चपेट में आए थे जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. डॉक्टर साइमन को हार्ट अटैक आया जिसके कारण उनकी मौत हुई.
मेडिकल अथॉरिटीज के अनुसार डॉक्टर साइमन को संक्रमण तब लगा जब वो एक मरीज का इलाज कर रहे थे.
डॉक्टर साइमन की बॉडी उनके परिजनों को सौंपी गई साथ ही कुछ डॉक्टर्स भी शव के साथ आए मगर आधे रास्ते में इनका सामना प्रदर्शकारियों से हुआ जिनकी मांग थी कि शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि इनकी एम्बुलेंस चेन्नई स्थित अन्ना नगर जा रही थी जहां इनका सामना भीड़ से हुआ जिसने इनका विरोध किया और नहीं मानने पर इनके ऊपर पत्थर और लाठियों से हमला किया. हमला कितना तेज था इसका अंदाजा एम्बुलेंस की विंड शील्ड देखकर आसानी से लगाया जा सकता है.
भीड़ के उग्र रूप को बताती एम्बुलेंस
बाद में बड़ी मुश्किल के साथ डॉक्टर साइमन की बॉडी को एक दूसरे स्थान पर ले जाया गया जहां इनका अंतिम संस्कार हुआ.
घटना के बाद सामने आया एक भावुक वीडियो
अंतिम संस्कार के बाद कोरोना वायरस की चपेट में आए डॉक्टर्स ने एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है जिसे यदि देखा जाए तो पता चलता है कि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान इन लोगों के साथ क्या क्या हुआ और ये लोग किस ट्रामा से गुजरे हैं.
Heartbreaking testimony of Dr. Bhagyaraj who worked with Dr. Simon Hercules in New hope hospital Chennai. Dr.Simon died of #Covid19 yesterday and some people denied for burial. Doctors are the Frontliners in fighting corona and helping people. They deserve proper burial atleast. pic.twitter.com/BRWuS80QTD
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डॉक्टर साइमन के दोस्त, डॉक्टर भाग्यराज द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो पर यदि नजर डालें तो उन्होंने इस बात की शिकायत की है कि क्या इस तरह हमें हमारे द्वारा दी जा रही सेवाओं का फल दिया जाएगा? साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह का वीडियो जारी करते हुए उन्हें शर्म आ रही है मगर इसे जारी करना इस समय बहुत ज़रूरी है.
डॉक्टर भाग्यराज के अनुसार भीड़ इस हद तक हिंसक थी कि वो कुछ सुनना समझना ही नहीं चाहती थी.
हुई हमले की निंदा, 20 लोग गिरफ्तार
राज्य स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने घटना की निंदा करते हुए इसे मानवता पर हमला बताया है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाला हर व्यक्ति हमारे लिए किसी हीरो से कम नहीं है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाई है और 20 लोगों को गिरफ्तार किया है.
Saluatations to Dr. Simon Hercules for his exemplary service in the fight against Covid19. Let us stand by each and every healthcare worker, they are the real heroes.
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इसके अलावा तमिलनाडु समेत अन्य जगहों पर भी डॉक्टर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ ने इस घटना की तीखी आलोचना की है और मांग की है कि दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त एक्शन लिया जाए.
बहरहाल अब जबकि ये मामला सामने आ गया है तो हम भी बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि ये वो वक़्त है जब हमें अपने डॉक्टर्स को तहे दिल से शुक्रिया कहना चाहिए. हमें याद रखना होगा कि अगर आज देश सुरक्षित हाथों में है तो इसका कारण ये डॉक्टर्स ही हैं. जो अपनी जान की परवाह न करते हुए दिन रात एक करके लोगों को बचाने में लगे हैं.
चलते चलते हम फिर इस बात को दोहराना चाहेंगे कि ये वो वक़्त है जब पूरे देश को साथ आना है और उन फाइटर्स को उचित सम्मान देना है जिनका फिलहाल एकमात्र उद्देश्य मरते हुए लोगों को बचाना है.
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