ट्राउजर की बैक पॉकेट में पर्स रखना है नुकसानदायक, बढ जाता है इन बीमारियों का खतरा

जयपुर। अकसर कई लोगों को अपनी ट्राउजर की बैक पॉकेट में पर्स औऱ मोबाइल फोन रखने की आदत होती है। अगर आपको भी इस प्रकार की कोई भी आदत है तो इसे तुरंत बदल देना बेहतर रहेगा क्योंकि चलते, बैठते, सोते, उठते आपकी यह आदत कई समस्याओं में डाल सकती है। दरअसल, आजकल सभी लोग अपने पर्स में पैसों के अलावा, काफी सारे कार्ड, सिक्के औऱ पहचान पत्र आदि रखते हैं जिसके करण पर्स का बोझ बढ़ने लगता और वह मोटा हो जाता है। औऱ जब आप इसी मोटे पर्स को पीछे रखकर कहीं बैठते हैं तो आपके शरीर का बैलेंस बिगड़ने लगता है। इससे कई प्रकार की शारिरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है इनमें ये समस्याएं शामिल है-

साइटिका रोग की संभावना
अकसर जब आप पर्स को पीछे रखकर बैठते हैं तो इसका सीधा प्रभाव आपकी कमर और कूल्हे की साइटिका नस पर पड़ता है। और ज्यादा देर तक इसी स्थिति बैठे रहने से असहनीय दर्द का खतरा भी बढ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो हिप ज्वाइंट्स में मौजूद पिरिफॉर्म मसल्स पर पर्स रखने के कारण दवाब पड सकता है जिससे पैदा होने वाला दर्द खत्म नहीं होता।

रक्त प्रवाह में बाधा
जाहिर है कि इंसान का शरीर नसों के जाल से घिरा है जिनमें से कुछ नसें हृदय से लेकर कमर और कूल्हे के रास्ते पैरों से जुडी होती हैं। पीछे के पॉकेट में इन्हें रखने से लगातार आपकी नसों पर दवाब पड़ने लगता है जिससे रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। और नसों में भी सूजन पड़ने लगती है।

रीढ़ की हड्डी में परेशानी
अकसर बैक पॉकेट में पर्स रखने से शरीर का नियंत्रण बिग़ड जाता है और इंसान सीधा बैठने में असमर्थ साबित होता है। इस प्रकार बैठने से रीढ़ की हड्डी तो झुकती है और इसके कारण स्पाइनल जॉइंट्स, मसल्स और डिस्क में र्दद भी बढने लगता है, ऐसा इन पर दबाव पड़ने के कारण होता है।

फोर्मिस सिंड्रोम का खतरा
पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक बीमारी भी पर्स बैक पॉकेट में रखने से होती है। अपनी बैक पर पर्स रखकर घंटों बैठे रहनेसे से पायरी फोर्मिस मांसपेशियां दबने लगती हैं औऱ पैरों में भी तेज दर्द की समस्या हो जाती है। इस बीमारी का बुरा प्रभाव युवाओं में देखने को मिलता है जिससे छुटकारा पाने के लिए सर्जरी भी करवानी भी पड़ सकती है।

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