कोरोना वायरस के कहर के बीच महाराष्ट्र के पालघर से मोब लिंचिंग का भयावह मामला सामनें आया है। जी हाँ? पालघर में भीड़ ने पीट-पीटकर तीन लोगों की ह्त्या कर दी, मृतकों में 2 साधु एवं साधु का एक ड्राइवर शामिल हैं। वामपंथी, सेकुलर जमात की मीडिया इस घटना को दबाने की पुरजोर कोशिश कर रही है।
जानकारी के अनुसार, गुरूवार की शाम मुंबई के कांदिवाली इलाके से तीन लोग जिनमें दो साधु और एक ड्राइवर कार में सवार होकर सूरत के लिए निकले थे जहां उनके साथी की मौत हो गई थी। दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था। जब इनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें रोक कर वापस भेज दिया। इसके बाद तीनों ने पास के जंगल वाले रास्ते से होकर आगे बढ़ना तय किया।
इस बीच पालघर जिले के कई गांवों में अफवाह फैल गई कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर अपराधी तत्व बैखौफ होकर चोरी डकैती को अंजाम दे रहे हैं। इस बीच साधुओं की गाड़ी महाराष्ट्र और दादरा नागर हवेली की सीमा के पास गडचिंचले गांव पहुंच गई। गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी पर भी हमला कर दिया और इनकी गाड़ी पलट दी, फिर लाठी डंडे से पीट-पीटकर तीनों लोगों मार डाला। हालाँकि अफवाह समझकर साधुओं की मॉब लिंचिंग की या ह्त्या करनें की मंशा ही थी, ये तो जांच का विषय है। क्योंकि कई बार अपराधियों को बचाने के लिए तरह-तरह की कहानियां गढ़कर पेश की जाती हैं।
सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है की ये सब पुलिस के सामने हुआ। बताया जा रहा है जिस इलाके में यह घटना हुई है वो मुस्लिम बाहुल्य इलाक़ा है। फिलहाल पुलिस ने इस मामलें में 110 लोगों की गिरफ्तार किया है। इस घटना में लगभग 200 लोग शामिल थे। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार की तरफ से इस मामलें में अभी कोई भी बयान नहीं आया है।
Source - Dailyhunt