ऐसी कुछ फिल्में यूट्यूब पर मौजूद हैं जिन्हें सोशल मीडिया के अनेक प्लेटफॉर्म पर लोगों द्वारा साझा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 13 मिनट की एक फिल्म की अवधारणा प्रस्तुत की जिसमें संदेश दिया गया है कि संकट और अनिश्चितता के इस दौर पर मानवता को विजय प्राप्त होगी।
'झोर थेमेय जबेय एक दिन' नामक फिल्म का निर्देशन अरिंदम सिल ने किया है। इसके शीर्षक का अर्थ हुआ 'एक दिन तूफान थम जाएगा'। इस लघु फिल्म में प्रसेनजीत चटर्जी, रितुपर्णा सेनगुप्ता, कोयल मलिक, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां, शुभाश्री गांगुली, परमब्रत चटर्जी और अबीर चटर्जी जैसे बड़े नाम हैं।
सिल ने कहा, ''हर अदाकार ने अपना शॉट घर से आईफोन में कैद किया और मुझे भेजा। बिक्रम घोष ने फिल्म को संगीतबद्ध किया और इसे बांग्ला नव वर्ष के अवसर पर रिलीज किया गया। कोविड-19 पर जागरुकता लाने और दिहाड़ी मजदूरों के लिए धन जुटाने के मकसद से फिल्म बनाई गयी है।''
फिल्मकार शिबप्रसाद मुखोपाध्याय और नंदिता रॉय ने चार मिनट की एक लघु फिल्म में दो बहनों की कहानी बयां की है जिनमें एक गृहिणी है और दूसरी नौकरीपेशा महिला है।
मुखोपाध्याय ने कहा, '' 'हींग' नामक यह फिल्म बताती है कि एक गृहिणी और नौकरीपेशा महिला किस तरह एक दूसरे की पूरक बन सकती हैं। इसका मकसद केवल बंगालियों के चेहरे पर मुस्कान लाना है जो कोविड-19 के इस संकट के दौर में घरों में बैठने को मजबूर हैं।''
उन्होंने कहा कि कलाकारों को जो पटकथा भेजी गयी, उसके आधार पर सारे शॉट अलग अलग लिये गए और फिर एडिटिंग करके लघु फिल्म की शक्ल दी गयी। कई बांग्ला फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता आर्यान भौमिक ने भी इस महामारी पर लघु फिल्म बनाई है।
उन्होंने कहा, ''मेरी फिल्म 'लॉकडाउन' बताती है कि किस तरह एक थका हुआ परिवार लॉकडाउन के बाद आजादी के मायने समझता है। इस महामारी ने हमें प्रकृति का सम्मान करना सिखाया है।''