बक्सर : इस बार गेहूं खरीद के लिए 1925 रुपये प्रति क्विटल सरकारी दर निर्धारित किया गया है। इसके लिए पैक्सों और व्यापार मंडल के साथ बैंकों का भी चयन कर लिया गया है। हालांकि, सहकारिता विभाग की तैयारी अभी कागजों पर ही है और धरातल पर विभाग क्वारंटाइन है। ऐसे में गेहूं में नमी की मात्रा अधिक होने का हवाला दे मई के प्रथम सप्ताह तक खरीद शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।
जिले में आठ हजार मिट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गत वर्ष खरीफ की खेती में शुरू में समय पर वर्षा नहीं होने की मार झेल रहे किसानों को बाद में बाढ़ और फिर अतिवृष्टि की मार झेलनी पड़ी, जिससे धान की खेती में काफी नुकसान उठाना पड़ा। उसी के असर से समय पर गेहूं की बुवाई तक नहीं हो पाई। धान की खरीद तो हुई नहीं पर, अब गेहूं की कटाई पर भी कोरोना की मार जारी है। गेहूं खरीद के लिए सरकारी दर 1925 रुपये प्रति क्विटल के मुकाबले खुले बाजार में 1820 रुपये प्रति क्विटल की दर से अभी आसानी से गेहूं बिक रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान व्यापारी के हाथों अपनी फसल बेच रहे हैं।
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33 सोसाइटी के साथ 6 व्यापार मंडल का चयन
जिले में गेहूं खरीद के लिए इस बार वैसी तमाम सोसाइटी को किनारे कर दिया गया है जो पीडीएस का अनाज भी बेचते हैं। इनके अलावा कुल 33 सोसाइटी के साथ 6 व्यापार मंडलों को गेहूं खरीद की अनुमति दी गई है। इसमें सहयोग के लिए जिले के 27 बैंकों का भी चयन करने के साथ सभी की सूची आपूíत को भेज दी गई है। चयन किए गए सभी एजेंसियों के लिए बैंकों से पैसा फाइनल करा दिया गया है।
नमी की समस्या बरकरार
तमाम तैयारियां पूरी होने के बावजूद अभी खरीदारी शुरू नहीं की गई है। दरअसल देर से तैयार हुए गेहूं में अभी नमी की मात्रा काफी अधिक पाई जा रही है। उम्मीद है कि मई के पहले सप्ताह तक गेहूं की खरीद शुरू हो पाएगी। इस बीच सारी तैयारियों को पूरा कर लिया गया हैहालांकि, सरकारी दर और बाजार दर में केवल सौ रुपये का अंतर होने के कारण खुले बाजार में तेजी से गेहूं का सौदा कर रहे हैं। सरकारी एजेंसियों को अपनी फसल बेचने के बाद भुगतान का इंतजार करना पड़ता है, जबकि बाजार से हाथों-हाथ भुगतान हो जाता है।
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गेहूं अधिप्राप्ति की सभी तैयारियां की जा रही है, जल्द खरीद प्रारंभ हो जाएगी।
अखिलेश कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, बक्सर।
Posted By: Jagran
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