'रावण' के किरदार के लिए अरविंद नहीं अमरीश पुरी थे पहली पंसद, ऐसे बदला फैसला

लॉकडाउन में टीवी पर पुराने कार्यक्रम लोगों का खूब मनोरंजन कर रहे हैं। रामायण से लेकर महाभारत तक लोग इन कार्यक्रमों को बेहद चाव से देख रहे हैं वहीं जबसे रामायण का पुर्नप्रसारण हुआ है तबसे रामायण के नए नए किस्से भी फैंस को पता लग रहे हैं। अब ऐसा ही एक किस्सा रावण के किरदार से जुड़ा है।


दरअसल रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद इस शो की पहली पंसद नही थे बल्कि अमरीश पुरी स्टारकास्ट की पहली पंसद थे। रामायण सीरियल से जुड़े सभी लोगों की पहली पंसद अमरीश पुरी थे जबकि सब ने उन्हें इस रोल के लिए पंसद किया था। उनको पंसद करने का कारण था कि वह जिस तरह से खलनायक रूप के थे उस हिसाब से वह इस किरदार में फिट बैठते थे।
वहीं दूसरी तरफ जब अरविंद त्रिवेदी को पता चला कि रामानंद सागर की रामायण के लिए कास्टिंग हो रही है तो वह जल्द ही रामानंद से मिलने पहुंचे। उस समय वह गुजरात थे और वह गुजरात से मुंबई आए। अरविंद रावण का किरदार नही निभाना चाहते थे बल्कि वह केवट का रोल निभाना चाहते थे। जब वो रामायण के किरदारों के लिए अपना ऑडिशन देने पहुंचे तो रामानंद सागर ने उन्हें स्क्रिप्ट पढ़ने को कहा अरविंद ने स्क्रिप्ट पढ़ी वहीं थोड़ी देर बाद आस पास सन्नाटा छा गया।

अरविंद बिना कुछ सोचे रामानंद सागर को स्क्रिप्ट वापस देकर जाने लगे तो रामानंद ने उन्हें रोक कर कहा कि उन्हें उनका लंकेश मिल गया है। ये बात सुनकर अरविंद हैरान हो गए, कारण कि उन्होंने तो कोई डॉयलॉग ही नही पढ़ा था।
यही सवाल अरविंद ने रामानंद से पूछा कि, ' मैने तो कोई डॉयलॉग ही नही पढ़ा, जवाब में रामानंद सागर ने कहा,' मैं तुम्हारी चाल ढाल देख कर समझ गया था कि तुम ही रावण बनने योग्य हो उन्हें ऐसा ही किरदार चाहिए था जिसमें बल बुद्धि हो और जिसके मुख पर तेज हो। इस तरह अरविंद को अमरीश पुरी की जगह रावण का किरदार मिला।

जबकि वह अपने इस किरदार के लिए आज भी जाने जाते है। लोग आज भी उनके इस किरदार को बेहद प्यार करते है।

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