मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का इंदौर (Indore) जो कि देश का सबसे स्वच्छ जिला घोषित किया गया था, आज 900 से ज्यादा कोरोना पीड़ितों (Coronavirus Victims) के दर्द का गवाह बना हुआ है. इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना पीड़ितों की संख्या है. मध्य प्रदेश में करीब 1400 लोग संक्रमित हैं तो उसमें से 900 अकेले इंदौर के हैं.
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अब सवाल यह उठता है कि इंदौर में ऐसी क्या लापरवाही या गलती की, जिसका खामियाजा वहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
25 मार्च को मिला था पहला कोरोना पॉजिटिव
आपका ये जान लेना जरूरी है कि 25 मार्च 2020 को इंदौर में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया, जब 5 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तब से अबतक 901 मामले हो चुके हैं.
इंदौर के डीएम मनीष सिंह का कहना है कि जिले में कोरोनावायरस फैलने की वजह एयरपोर्ट है. एयरपोर्ट में अगर यात्रियों की स्क्रीनिंग वक्त रहते की जाती या फिर उन्हें क्वारंटीन किया जाता तो आज इंदौर में हालात नहीं बनते.
जाहिर है कि मनीष सिंह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार पर इंदौर के हालात का ठीकरा फोड़ा है. गौरतलब है कि जनवरी के बाद करीब 4 हजार से ज्यादा लोगों ने एयरपोर्ट से आवाजाही की थी.
अब समझते हैं कि इंदौर में कोरोना वायरस को लेकर संकट आखिर क्यों गहरा गया और कलेक्टर साहब का दावा कितना सही है.
1. जैसा कि कलेक्टर ने बताया कि कोरोना को लेकर एयरपोर्ट और स्टेशन पर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए. ये एक वजह हो सकती है. हालांकि बाद में मामला बढ़ा तो भी इंतजाम मुकम्मल किए जा सकते थे. प्रशासनिक चूक कोरोना फैलने की एक बड़ी वजह बनी.
2. अभी तक स्वास्थ्य विभाग इस बात की जानकारी जुटाने में नाकाम है कि कोरोना का सोर्स क्या है? सैंकडों की संख्या में मरीज ऐसे हैं जिनमें कोरोना संक्रमण पाया गया. लेकिन उनतक ये वायरस कैसे पहुंचा ये पता नहीं चल पाया है. इन आंकड़ों को लेकर प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है. न ही इसपर कोई चर्चा कर रहा है.
3. लोग बीमार होने की सूचना न देकर घरेलू इलाज कर रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के घर आने पर नाराजगी जता रहे हैं. टाटपट्टी बाखल उसका उदाहरण है, जहां पहले डॉक्टर पर हमला हुआ और बाद में उसी घर में कोरोना संक्रमण पाया गया.
4. करीब 35 लाख की आबादी में सिर्फ 347 लोग क्वारंटीन हैं. संक्रमित लोगों के मुकाबले से आंकड़ा बेहद मामूली है. वहीं टेस्ट करने की स्पीड भी बहुत कम है. जैसे-जैसे टेस्ट बढ़ रहे हैं, पॉजिटिव मरीज भी बढ़े हैं.
5. जमात के लोगों ने अपनी पहचान और ट्रैवल हिस्ट्री छुपाकर कोरोनावायरस फैलाने में बड़ी भूमिका अदा की. पकड़े जाने पर 25 जमातियों में 12 पॉजिटिव पाए गए.
इस बीच पूर्व मुख्यंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, " बेहद दुखद खबर. इंदौर के जुनी इंदौर थाने में प्रभारी रहे पुलिस अधिकारी देवेन्द्र चंद्रवंशी जनता की सुरक्षा के लिये ,अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हुए, आज कोरोना की जंग हार गये."
'शिवराज के बस में कुछ नहीं है तो.'
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी जोकि इंदौर के महू से विधायक भी हैं. इनका कहना है कि मनीष सिंह खुद यह मान रहे हैं कि केंद्र सरकार की लापरवाही से इंदौर में ऐसे हालात बने. अब जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बस में कुछ नजर नहीं आ रहा, तो केंद्र सरकार को एक प्रतिनिधिमंडल इंदौर के लिए भेज देना चाहिए. या फिर उन राज्यों से चाहे वो राजस्थान हो या छत्तीसगढ़, यह पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने यहां कोरोना को कैसे रोका.
वहीं बीजेपी ने कमलनाथ से कुछ सवाल पूछे हैं. बीजेपी कोरोना संक्रमण का पूरा ठीकरा पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर फोड़ रही है. बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कमलनाथ पहले इस बात का जवाब दें कि वक्त रहते केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि खासकर एयरपोर्ट से आने वाले लोगों को क्वारंटीन क्यों नहीं किया गया. इसका जवाब कमलनाथ को देना चाहिए, क्योंकि उन्हीं की वजह से इंदौर में इस तरह के हालात बने. वह दिल्ली में बैठकर सिर्फ कोरी बयानबाजी कर रहे.
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