सहरसा। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण सरकार ने जनधन खाते में राशि भेजने का तो सराहनीय प्रयास किया, परंतु बैंकों- डाकघरों में इसके लिए उचित प्रबंध नहीं किया गया। फलस्वरूप शारीरिक दूरी और संक्रमण फैलने के भय से दूर लोग पैसे की निकासी के लिए जान की बाजी लगा रहे हैं। हर बैंकों व डाकघरों में अपार भीड़ उमड़ रही है। अहले सुबह से ही लोग भूखे- प्यासे कतारबद्ध हो जाते हैं। अपनी बारी जल्दी आने की फिराक में कोई किसी की सुननेवाला नहीं है और इस समस्या से निजात पाने के लिए बैंकों द्वारा भी कोई प्रयास नहीं किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी खतरे से अंदेशा से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अगर प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं किया जाता है, तो लॉकडाउन का भी कोई मतलब नहीं रह जाता है। इससे बैंक जहां पूरी तरह लापरवाह बना है, वहीं जिला प्रशासन और पुलिस पदाधिकारी भी मूकदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं। इस स्थिति में अगर कोई अप्रिय माहौल की संभावना बनी तो इसे संभालना भी प्रशासन के लिए कठिन हो जाएगा।
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Posted By: Jagran
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