बक्सर : कोरोना संकट के दौरान हार्वेस्टर मालिकों के फिलहाल पसीने छूट रहे हैं। हजारों रुपये खर्च कर किसी तरह दूसरे राज्यों से चालकों को यहां लाया गया कि जिले में जल्द गेहूं की कटाई शुरु की जा सके। अब प्रशासन ने सभी चालकों को 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रखने का आदेश दे दिया।
फिलहाल बाहर से आए चालकों का सत्यापन कर उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजने की अभी प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया के पूरा होने तक पूरा अप्रैल बीत जाएगा, इसे सोंच कर ही किसानों और हार्वेस्टर मालिकों के पसीने छूट रहे हैं। जिला प्रशासन के इस आदेश के बाद फसल की कटाई एक बार फिर 14 दिनों के लिए टल जाने से हार्वेस्टर मालिकों और किसानों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इधर,मजदूरों ने भी कटाई करने से पहले ही हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में किसानों के सामने गम्भीर समस्या उतपन्न हो गई है कि गेंहू की कटाई के लिए कौन उपाय अपनाएं। एक हार्वेस्टर मालिक ने बताया कि चालकों के लिए पंजाब जाने से लेकर आने में पचासों हजार रुपये खर्च हो गए। जिन चालकों को लाया गया हैं उन्हें बैठाए रखने का भी भुगतान करना पड़ेगा। उधर किसानों के लिए तैयार फसल को बचाकर रखना एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। तेज पछुआ हवा के बीच आए दिन खेतों में आग लग जाने से अब तक लाखों रुपयों की फसल जलकर राख हो चुकी है। इधर, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेता परशुराम चतुर्वेदी ने कहा कि चालक और खलासी को 14 दिन क्वारंटाइन रखने से किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि उनकी जांच के बाद काम करते हुए क्वारंटाइन में रखा जाए, जिससे उन पर निगरानी भी रहे और किसानों को बड़ी आपदा से बचाया जा सके।
141 चालकों के लिए पास निर्गत
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती ने बताया कि बक्सर जिले से कुल 141 चालकों को लाने के लिए पास निर्गत किया गया था। सभी की सूची बीइओ को सत्यापित करने के लिए भेज दी गई है। बीइओ सत्यापित कर इसकी संबंधित बीडीओ को रिपोर्ट कर रहे हैं। बीडीओ सभी चालकों को क्वारंटाइन सेंटर भेजेंगे।
Posted By: Jagran
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