कैमूर। कोरोना से बचाने के लिए सरकार हर तरह से प्रयास कर रही है। ताकि वायरस गांवों में न पहुंचे। गांव की साफ सफाई के लिए मुखिया को जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रति पंचायत एक किलो ब्लीचिग पाउडर दिया है। लेकिन इससे मुखिया नाराज हैं। मुखिया संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने कहा कि एक पंचायत में लगभग दस से अधिक गांव हैं। एक किलो ब्लीचिग पाउडर से क्या होगा। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि ब्लीचिग पाउडर की आपूर्ति बहुत कम हुई है। पंचायत राज विभाग के द्वारा मुखिया को पंचम वित्त की राशि खर्च करने की अनुमति दे दी गई है। जिससे मुखिया मास्क सैनिटाइजर साबुन क्वारंटाइन सेंटर बनाने सहित आवश्यक समान खरीद सकेंगे। सरकार के पत्र के बाद सभी मुखिया का कर्तव्य है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए अपने अपने पंचायत में युद्ध स्तर पर कार्य करें। बीडीओ रवि रंजन ने मुखिया को निर्देश दिया कि पंचम वित्त की राशि सोच समझकर खर्च करें। अनावश्यक राशि खर्च करने पर कार्रवाई की जाएगी। बीडीओ ने बताया कि राशि संचित रहने पर कोरोना वायरस को लेकर स्थिति बिगड़ने पर क्वारंटाइन सेंटर बनाने के काम में आएगी। मुखिया राजेश कुमार ने कहा कि गांव में छिड़काव के लिए ब्लीचिग पाउडर नहीं मिल रहा है। बीडीओ ने कहा कि ब्लीचिग पाउडर के लिए जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
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Posted By: Jagran
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