अररिया। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर नरपतगंज प्रखंड के सभी नियोजित शिक्षक 54वें दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। नरपतगंज प्रखंड संयोजक मोहम्मद एहसान ने कहा कि राज्य संघ के निर्देशानुसार 11 अप्रैल को सभी शिक्षक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मध्येनजर अपने अपने घरों में सपरिवार महात्मा ज्योतिराव फुले के जन्मदिन पर मौन व्रत रखेंगे। 14 अप्रैल को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस को अपने घर में ही संकल्प दिवस के रूप में मनाएंगे। शिक्षक नेता रंजय कुमार राजन ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा के इस स्थिति में हड़ताली शिक्षकों का फरवरी और मार्च महीने का वेतन सरकार के द्वारा रोका जाना अमानवीय है, जबकि हड़ताली शिक्षक इस वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए अपनी नैतिकता का परिचय देते हुए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर निपटने को तैयार है,लेकिन सरकार शिक्षकों की उपेक्षा कर रही है, बीमार होने के बाद वेतन के अभाव इलाज नहीं कराने के कारण अभी तक राज्य के कुल 42 शिक्षक काल के गाल में समा चुके हैं, वहीं शेष शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस विषम परिस्थिति में भी हड़ताली शिक्षकों अपने अपने समाज में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाव के बारे में जागरुकता अभियान, मास्क,साबुन और खाने पीने की सामान भी जरूरतमंदों को दे रहे हैं ,और प्रधान मंत्री राहत कोष एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में दर्जनों शिक्षक एक-एक दिन का वेतन दान किए हैं। अध्यक्ष मंडल के सदस्य अर्चना कुमारी ने कहा कि बिना किसी सफल वार्ता के शिक्षकों की हड़ताल से वापस आने का कोई प्रश्न ही नहीं है एवं शिक्षकों से अपील किया कि संकल्प दिवस के अवसर पर मांगों की पूर्ति होने तक हड़ताल में डटे रहने का संकल्प लें।
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Posted By: Jagran
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