कैमूर। नगर के भूपेश गुप्त कॉलेज में बने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती 16 मरीजों की निगेटिव आई जांच रिपोर्ट से अभी जिले के लोग ठीक से वाकिफ भी नहीं हो पाए थे कि बुधवार की देरशाम दिल्ली के निजामुद्दीन टावर से मोबाइल ट्रेसिग के दौरान जिले के 38 लोगों के चिह्नित होने का मामला प्रकाश में आ गया। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के साथ-साथ हिदू समुदाय के लोग भी शामिल हैं। इसकी पुष्टि सिविल सर्जन डॉ अरूण कुमार तिवारी ने की। मामले की जानकारी होते ही जिला प्रशासन अलर्ट हो गया। इसके चलते विभिन्न प्रखंडों के कुल 19 लोग गुरुवार को मेडिकल टीम के माध्यम से क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिए गए। अस्पताल प्रशासन प्राथमिक उपचार के साथ उनके स्वाब को पटना भेजने की प्रक्रिया में जुट गया। उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि सेंटर में पूर्व से रखे गए तीन लोगों के साथ सभी 22 लोगों के स्वाब शुक्रवार की सुबह जांच के लिए भेजे जाएंगे। पूर्व में सेंटर में भर्ती व जांच रिपोर्ट पहली बार निगेटिव आने के बाद संशय होने पर तबलीगी जमात में शामिल एक मरीज का स्वाब पुन: जांच के लिए एनएमसीएच में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट शनिवार तक आने की संभावना है। सिविल सर्जन ने दिल्ली से आए सभी लोगों से सदर अस्पताल या क्वारंटाइन सेंटर पर पहुंच कर जांच कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसमें आप व आपके परिवार ही नहीं समाज का हित निहित है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर कुछ मरीजों को महाराणा प्रताप कॉलेज में बने क्वारंटाइन सेंटर में भी भेजा जाएगा। ज्ञात रहे कि पूर्व में हवाई मार्ग से आए चिह्नित लोगों में संदेहास्पद 16 लोगों के स्वाब जांच को पटना भेजे गए थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आने पर 14 दिन पूरा होने की स्थिति में उन्हें सेंटर से छोड़ दिया गया। साथ ही उन्हें कुछ दिन और अन्य लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने व साबुन या हैंड वाश से कुछ भी छूने पूर्व व छूने के बाद हाथ धोते रहने का सुझाव दिया गया।
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Posted By: Jagran
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