पूर्णिया। लॉकडाउन का अब दो हफ्ता गुजर चुका है। जिला में विदेश से लौटे सभी लोगों के टेस्ट नकारात्मक मिले हैं। अबतक सक्रिय मामला नहीं मिला है लेकिन अन्य राज्यों से लौटे लोगों पर नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अब सर्विलांस पर फोकस कर रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के लिए अंतिम व्यक्ति तक ट्रेकिंग आवश्यक होती है। एक व्यक्ति से भी यह संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अब सर्विलांस कर संभावित कोरोना मरीज की स्क्रीनिंग कर रही है। इस कार्य योजना के अंतर्गत अब अन्य जिले से भी ऐसे लोगों की सूचना स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में देने का निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिया गया है। ऐसे अनेक लोग अब भी हैं पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद रहने के बावजूद जुगाड़ से पहुंच रहे या फिर पैदल ही अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं। इसमें अन्य प्रांतों के साथ ही अन्य जिलों से भी लोग शामिल है। स्वास्थ्य विभाग स्थानीय प्रशासन और पुलिस की मदद से ऐसे लोगों की ट्रेकिंग कर रही है। इस कार्य के लिए सभी आशा कार्यकर्ता को सचेत किया गया है। आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता दरअसल अपने-अपने क्षेत्र में सभी लोगों को पहचानती है। बाहर से आने वाले लोगों की पहचान कर सकती है और इसकी सूचना स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक देगी। ऐसे लोगों की चेकअप स्वास्थ्य केंद्र में ला कर किया जाएगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो क्वोरंटाइन भी किया जाएगा और सैंपल कलेक्शन भी होगा। समाज में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए यह जरूरी है कि एक भी संक्रमित मरीज छूटना नहीं चाहिए। सर्विलांस के लिए जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर तक टीम का गठन किया गया है। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि की मदद ली जा रही है। जब तक खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता है तबतक ट्रेकिंग का कार्य चलता रहेगा। क्वोरेटीन के लिए स्कूलों और होटलों को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। स्कूलों में 703 लोगों को रखा गया है। क्वोरेटीन की अवधि खत्म होने के बाद कई लोग वापस भी जा चुके हैं। इसके अलावा 4783 लोगों पर नजर रखी जा रही है। जिले में 80 टीम का गठन किया है जो 1500 लोगों की स्क्रिनिंग कर रही है। इसमें संदिग्ध मरीज की पहचान कर उसका सैंपल कलेक्शन किया जाएगा। सक्रिय मामला नहीं मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और आम लोगों की शारीरिक दूरी का पालन बेहद जरूरी है। फिलहाल कोरोना वायरस के लिए बचने के लिए बचाव ही एक मात्र उपाय है।
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Posted By: Jagran
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