बेतिया। कोरोना जैसी महामारी को लॉकडाउन का पालन कर हराया जा सकता है। खासकर पश्चिम चंपारण जिले में अब तक हम सभी सकारात्मकता की ओर बढ़ रहे हैं। यह दौर बुरी यादों के साथ कुछ अच्छी आदतें भी सिखा जाएगा। लॉक डाउन की वजह से लोगों की दिनचर्या बदल गई है। सेहत के प्रति लोग जिम्मेदार हो गए हैं। कोरोना को हराने के बाद भी अगर ये आदतें बरकरार रहीं तो लोगों की सेहत पर इसका बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ेगा। पश्चिम चंपारण के सेवानिवृत्त जिला मलेरिया पदाधिकारी व जन्मस्थान के निदेशक डॉ. किरण शंकर झा का कहना है कि दरअसल, हम कोई भी काम लंबे समय तक करते हैं तो उसके आदी हो जाते हैं। कोरोना के डर के बहाने ही सही, बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने, दूसरों से हाथ न मिलाने और साफ-सफाई रखने जैसी कई चीजों का हम पालन कर रहे हैं। डर के कारण ही सही, लेकिन स्वास्थ्य के लिए इन अच्छी आदतों को हमें यूं ही भविष्य में भी जारी रखना होगा। अच्छा तो तब होगा जब संकट समाप्त होने के बाद भी हम इन आदतों को अपने व्यवहार में रखेंगे। इधर-उधर थूकने की गंदी आदत को भी खत्म करना होगा, जिसे स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई कोशिशों के बावजूद हम अब तक सुधार नहीं पाए हैं। अब हमें लोगों को टोकना भी पड़ेगा क्योंकि इससे हम सब का स्वास्थ्य भी जुड़ा है। यह समय अपने व्यवहार में परिवर्तन का भी है। कोरोना शायद हमें जिदगी के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी दे जाए। जो काम स्वच्छ भारत अभियान के तहत नहीं हो पा रहा था, वह कम से कम अब सफल होता दिखाई दे रहा है।