कोरोना वायरस: Lockdown में जरुरतमंदों तक मदद के पहुंचते ये हाथ

नई दिल्ली/ धीरज कुमार। कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण इस समय पूरा भारत प्रभावित है। इस महामारी से बचाव के लिए भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है। इस लॉकडाउन में केवल महत्वपूर्ण चीजों को छोड़कर सभी प्रकार की सेवाएं 14 अप्रैल तक बंद है। ऐसे में मजदूर व नीचे तबके के लोग इस बंदी के कारण काफी प्रभावित हुए हैं। सरकार का दावा है कि ऐसे लोगों के लिए खाने व रहने का आयोजन किया गया है। लेकिन जो मजदूर व गरीब इस सेवा से वंचित रह जाते हैं, उन्हें उनके स्थानीय लोग या फिर किसी समाजिक संस्था से जुड़े लोग मदद पहुंचा रहे हैं।

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ऐश्वर्या पहुंचाती हैं मदद 32 साल की ऐश्वर्या बेंगलुरु में अकेली रहती है और वो एक संस्था से जुड़कर बुजुर्ग लोगों तक मदद पहुंचाती हैं। ऐश्वर्या की मां चेन्नई में रहती हैं और वो 60 साल की हैं। उन्हें लगता है कि जिस तरह उन्हें अपनी मां की फ़िक्र हो रही है उसी तरह दूसरों कोभी अपने माता-पिता की फिक्र सता रही होगी।

उनका कहना है, 'मैं सोचती हूं कि अगर मुझे वायरस लग गया तो मैं रिकवर कर जाउंगी, लेकिन जो लोग बुजुर्ग हैं उनके लिए ज़्यादा मुश्किल होगी। इसी वजह से मैं यह कर रही हूं।' ऐश्वर्या को जहां से भी इस प्रकार का कॉल आता है वो वहां घर का बना खाना पहुंचाती है। वो कहती हैं इस छोटे से अच्छे काम के जरिए उन्हें अब काफी कम अकेलापन महसूस होती है।
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पीपीई किट्स करा रहे हैं मुहैया बिहार के नालंदा में रहने वाले सौरभ राज सोशल सेक्टर में काम करते हैं। उनके कामकाज का दायरा लोकतांत्रिक और राजनीतिक रिफॉर्म्स के इर्दगिर्द है। सौरभ बिहार में डॉक्टरों को पीपीई किट्स मुहैया कराने के लिए फंड्स जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। पीएमसीएच के कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स की मदद से सुदिशी शुभी और अंकित राज ने डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफ़ेशनल्स के लिए फंड जुटाने का फैसला किया।

वह बताते हैं, 'बिहार में हेल्थ प्रोफेशनल्स के पास पीपीई, बेसिक सेफ्टी इक्विमेंट्स और दूसरी चीजें नहीं हैं। हमने फैसला किया है कि हम इन जिंदगियां बचाने वालों की मदद करेंगे। हमने पीएमसीएच के लिए एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग कैंपेन शुरू किया है'।

जयकांत वत्स दिल्ली में फंसे बिहारी की कर रहे हैं मदद बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले जयकांत वत्स इन दिनों दिल्ली में रह रहे हैं। वत्स एक सामाजिक संगठन की मदद से बिहार के मजदूर और गरीब तबके के लोगों को मुफ्त में राशन बांटते हैं। वत्स का कहना है कि वो लॉकडाउन में रोजाना अपनी गाड़ी लेकर दिल्ली की सड़कों पर निकल जाते हैं और इस प्रकार के जरुरतमंदों की सहायता करते हैं। जयकांत बताते हैं कि इनकी संस्था बिहार में बड़े पैमाने पर सक्रिय है।
स्वयंसेवकों का कमाल ये उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके की तस्वीर है। यहां पर रोजाना करीब हजारों लोगों को मुफ्त में खाना मुहैया करायी जाती है। सेवा भारती के बैनर तले सेवा दे रहे ये लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वंयसेवक हैं। नगर के वरिष्ठ स्वयंसेवक हरीश शर्मा का कहना है कि ये खाना वितरण का काम यहां के स्थानीय स्वयंसेवकों ने अपने स्तर पर शुरु किया। उनका कहना है कि यहां रह रहे आसपास के लोगों से ही हमलोग रोटी, दाल वगैरह समानों को इकट्टा करते हैं और जरुरतमंदों में बांटते हैं। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इन सब के बीच हमलोग सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल भी रखते हैं।
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नहीं थम रहा मौत का आंकड़ा गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस (coronavirus) का कहर हर पल बढ़ता ही जा रहा है, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 704 नए मामले सामने आए हैं, जो कि अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वही एक दिन में इस महामारी से 28 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के अनुसार अब तक देश में संक्रमितों की संख्या 4,281 हो गई है। जिसमें 3891 मामले सक्रिय हैं, वही 111 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। जबकि 318 लोग इस खतरनाक वायरस से ठीक हो चुके हैं।
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