गोपालगंज. बिहार में कोरोना (Coronaviurs) का एक मरीज सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से खुद के जिंदा होने का सबूत दे रहा है. मामला गोपालगंज (Goplaganj) से जुड़ा है. दरअसल गोपालगंज में जिन तीन मरीजों को कोरोना का मरीज पाये जाने के बाद इलाज के लिए भर्ती कराया गया है उसमें थावे के बेदुटोला का एक मरीज, भोरे के सिसई पठान टोला के एक और उचकागांव प्रखंड के लुहसी गांव का एक मरीज शामिल हैं. इसको लेकर उचकागांव, भोरे और थावे प्रखंड के तीन-तीन गांवों को कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद सील कर दिया गया है. लेकिन गांव के मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर भी झूठ खूब फैलाया जा रहा है. घर के लोगों से भी हो रहा था गलत सलूक ऐसा ही एक झूठ भोरे के सिसई गांव के कादिर खान को लेकर फैलाया जा रहा है. जिसमें सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है की कोरोना पॉजिटिव इस मरीज की मौत हो गयी है. मौत के बाद घर के लोगों से कोई गाँव का सदस्य न मिले और न ही इन्हें सब्जी मंडी में प्रवेश करने दे. इस फर्जी खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पीड़ित मरीज के सभी परिजनों के साथ बदसलूकी की जा रही है. उनके साथ गाली-गलौज किया जा रहा है जबकि सच्चाई यह है की कोरोना पॉजिटिव मरीज के घर के सभी सदस्यों की कोरोना जांच करायी गयी थी लेकिन सभी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है.अस्पताल में ही बनाया वीडियो सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज कादिर खान ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें उसने खुद को जिन्दा बताते हुए फेक खबर फ़ैलाने वालो बहुत बड़ा अपराध करने की बात कही है. पीड़ित कादिर खान ने अपने वीडियो में फेक न्यूज़ फ़ैलाने वालों को इंसानियत का दुश्मन करार दिया है. उसने कहा कि ऐसे वक़्त में जब लोगों को एक दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए तब कुछ लोग ऐसे अफवाह फैलाकर क्या साबित करना चाहते है. कादिर खान ने कहा कि वो जिंदा है. और उसके परिवार को भी जो लोग परेशान कर रहे हैं वो ऐसा न करें.