Muzaffarpur Nagar Nigam : सफाई सबको चाहिए लेकिन, अब तक कचरा डंपिंग की नहीं हो सकी व्यवस्था

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम को न सिर्फ कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लड़ाई लडऩी पड़ रही बल्कि शहर से निकलने वाले कचरे के निष्पादन को भी लडऩा पड़ रहा है। शहर से प्रतिदिन निकलने वाले डेढ़ सौ टन कचरे को कहां ठिकाना लगाया जाए इसकी व्यवस्था पिछले तीन साल में नहीं हो पाई।

विरोध का सामना
यत्र-तत्र कचरे को फेंकने के कारण नगर निगम कर्मचारियों को न सिर्फ स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है बल्कि पिटाई तक हुई है। कचरे का उठाव नहीं होने पर एक तरफ जहां वार्ड पार्षद नाराजगी जताते हैं तो दूसरी तरफ शहरवासी। बिहार लोकल बॉडिज इम्पलाइज फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार सिंह एवं नगर निगम कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि पार्षदों को रोज सफाई चाहिए लेकिन कचरा डंपिंग कहां हो इसकी चिंता उनको नहीं। अधिकारी भी इस समस्या के स्थायी समाधान को सजग नहीं दिख रहे। आखिर निगम कर्मचारी कब तक पिटाई खाते रहेंगे।
डंपिंग स्थल के अभाव में शहर में जमा है सैकड़ों टन कचरा
डंपिंग स्थल के अभाव में शहर से निकलने वाले कचरे का निष्पादन नहीं हो पा रहा है। शहर के लॉकडाउन होने के बाद ग्रामीण शहर के कचरे को अपने इलाके में गिराने नहीं दे रहे हैं। इसके कारण निगम कचरे को ठिकाना नहीं लगा पा रहा है। किसी तरह रात के अंधेरे में कंपैक्टर की मदद से कचरे को जहां-तहां डंप किया जा रहा है। बहलखाना प्रभारी रामलखन सिंह के अनुसार शहर से निकले वाले कचरे का निष्पादन पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। इसलिए शहर में कई जगह सड़क पर कचरे को जमा करना पर रहा है। मार खाने के डर से निगम के चालक ग्रामीण क्षेत्र में कचरा ले जाकर फेंकने को तैयार नहीं हो रहे हैं। अपर नगर आयुक्त विशाल आनंद ने कहा कि लॉकडाउन में कचरा निष्पादन में परेशानी हुई है। रौतनिया में डंपिंग की व्यवस्था की जा रही थी। जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा।

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