कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन होने के बाद अब अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा व उनके भविष्य की चिता सताने लगी है। लॉकडाउन के बाद भी जिस तरह कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रही है, यह चिताजनक है।
तेंदुनी निवासी परविन्द सिंह कहते हैं कि कई विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा पूरी होने से पूर्व ही विद्यालयों को इस संक्रमण से बचाने के लिए बंद कर दिया गया। हालांकि उन्होंने इस प्रतिकूल स्थिति में लॉकडाउन का खुलकर समर्थन किया और कहा कि वर्तमान में इसके अलावा इस महामारी को रोकने के लिए कोई अन्य उपाय नहीं हैं। धारुपुर निवासी संजय तिवारी भी लॉकडाउन का समर्थन करते हुए कहते हैं कि बाजार बंद रहने के चलते आगे की कक्षा के किताब के अभाव में बच्चे सेल्फ स्टडी भी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अभी बच्चों को सुरक्षित रखना ही प्राथमिकता है। कुछ विद्यालय फिलहाल लॉकडाउन की स्थिति में ऑनलाइन शिक्षा देने की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
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Posted By: Jagran
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