जागरण संवाददाता, गोपालगंज : व्यवस्था इस बात की है कि आग लगने की सूचना के बाद अग्निशमन विभाग के वाहन मौके पर पहुंचकर आग पर तत्काल काबू पाने का प्रयास करेंगे। लेकिन स्थिति ऐसी कि यह विभाग खुद समस्याओं से जूझ रहा है। संसाधन का अभाव है। कई इलाकों में अग्निशमन विभाग के वाहन घटना स्थल से दूर होने के कारण तत्काल सहायता उपलब्ध नहीं करा पाते। ऐसे में ग्रामीण खुद ही आग बुझाने की जद्दोजहद करते रहते हैं। सूचना देने पर भी दमकल के साथ फायर ब्रिगेड के कर्मी जब तक पहुंचते हैं तब तक ग्रामीण आग पर काबू पा चुके होते हैं, और तब तक लाखों की क्षति हो चुकी होती है।
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आंकड़ों की बात करें तो जिले की करीब 28 लाख की आबादी को आग से बचाने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन का अभाव है। जिले में तीन लाख से अधिक घरों को आग से बचाने के लिए अग्निशमन विभाग के पास महज नौ दमकल हैं, लेकिन इनमें से छह से सात वाहन ही चालू हालत में हैं। उस पर से न तो पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मी हैं और ना ही दमकल में पानी भरने की व्यवस्था। निर्धारित क्षमता से कम जवानों सहारे ही दमकल का पहिया दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में आग लगने की सूचना मिलने पर पहले दमकल पानी की तलाश में भटकता है और पानी मिलने के बाद जब तक ये मौके पर पहुंचते हैं, तब तक वहां आग से जले घरों की राख ही मिलती है।
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बड़ी समस्या है पानी का नहीं मिलना
गोपालगंज : अग्निशमन दस्ते के लिए दमकल में पानी भरना सबसे बड़ी समस्या बन गई है। पानी के लिए इसे कभी चीनी मिल तो कभी दूसरे विभाग का मुंह देखना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने जिला मुख्यालय के अरार मोड़, थावे रोड के साथ ही अग्निशामक केंद्र में हाइडेंट पंप लगाने का प्रस्ताव भी भेजा। लेकिन अब तक हाइडेंट लगाने की दिशा में कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन दमकल में पारी भरना आज भी समस्या बनी हुई है। 40 की जगह मात्र आधे कर्मी ही तैनात
जिले की जनसंख्या के हिसाब से विभाग को 40 कर्मियों की जरूरत है। लेकिन विभाग वर्तमान समय में मात्र 21 कर्मी ही उपलब्ध हैं। असली समस्या दमकल को चलाने के लिए चालक व प्रशिक्षित फायर मैन की कमी की है।
क्या कहते हैं लोग
बरौली थाना क्षेत्र के सरेया गांव के मोहन प्रसाद कहते हैं कि दमकल की व्यवस्था हरेक प्रखंड में होनी चाहिए ताकि विकट परिस्थिति में दमकल तत्काल पहुंच सके। लेकिन यहां आग लगने की स्थिति में गाड़ी आते-आते डेढ़ घंटे लग जाते हैं। ऐसे में गाड़ी पहुंचते पहुंचते सबकुछ राख हो जाता है। कटेया के रामनरेश पाण्डेय, कल्याणपुर के जीतन प्रसाद तथा भोरे के राजेश द्विवेदी सहित कई लोगों ने असली समस्या प्रखंडों में दमकल की व्यवस्था का नहीं होना बताया। अलावा इसके लोग दमकल कर्मियों की लेट लतीफी के कारण भी समस्या बढ़ जाना बड़ा कारण बताते हैं।
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अभी सिर्फ पांच स्थानों पर तैनात है दमकल
गोपालगंज : वर्तमान समय में पूरे जिले में सिर्फ पांच स्थानों पर ही दमकल की व्यवस्था है। इनमें सदर प्रखंड में चार, हथुआ में दो, भोरे, बैकुंठपुर तथा महम्मदपुर में एक-एक दमकल वाहन शामिल हैं। ज्ञातव्य है कि पूरे जिले में 14 प्रखंड हैं। लेकिन इनमें से नौ प्रखंड में दमकल का अभाव है।
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आग लगने पर इन नंबरों पर दें सूचना
जिला अग्निशमन का हेल्पलाइन नंबर
टॉल फ्री नंबर - 101
06156-224413
7485805810
7485805811
हथुआ अग्निशमन केंद्र
7485805812
7485805813
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कहते हैं अग्निशमन पदाधिकारी
जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उसके सहारे आग पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। दमकल में पानी भरे जाने के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। अलावा इसके कर्मियों की भी कमी है। बावजूद इसके अग्निशमन विभाग की टीम अगलगी की सूचना मिलने के बाद तत्काल मौके पर पहुंचती है।
उपेंद्र कुमार सिंह
जिला अग्निशमन पदाधिकारी
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आग से बचाव को बरतें सावधानी
- सुबह नौ बजे से पहले तथा शाम छह बजे के बाद बनाएं खाना।
- चूल्हे के पास बाल्टी में पानी भर कर रखें, ताकि चिगारी उठने पर तत्काल बुझा सकें।
- खाना बनाने के बाद चूल्हे की आग को पानी डाल कर बुझाएं। राख में भी पानी डालें। ताकि राख में दबी चिगारी भी बुझ जाए।
- रात में घर में दीया या लालटेन जलाकर मत सोएं। रोशनी के लिए पास में रखें टार्च।
- कटनी या दवनी करते समय खेत के पास पंप सेट का रखें इंतजाम। पास में पानी की भी रखें व्यवस्था।
- ऊपर से गुजर रही विद्युत तार के नीचे खलिहान मत बनाएं। तार के नीचे दवनी करने से भी बचें।
Posted By: Jagran
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