दुनियाभर में कोरोनावायरस ने कहर बरपा रखा है. छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा देश इस महामारी के खात्मे की कोशिशों में जुटा हुआ है. वहीं एक देश पाकिस्तान भी है, जो इस वैश्विक संकट की घड़ी में भी अपने आतंकी मंसूबों को साधने में लगा है. कोरोनावायरस ने पाकिस्तान में भी भीषण तबाही मचाई हुई है, वहां दावे किए जा रहे हैं कि अप्रैल के आखिर तक 50 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ जाएंगे, लेकिन पाकिस्तानी हुकूमत और उस पर कंट्रोल रखने वाली पाकिस्तानी सेना को इसकी कोई परवाह नहीं है.
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एक तरफ पाकिस्तानी सेना है जो मुसीबत की इस घड़ी में भी आतंकियों को बॉर्डर पार कराने की कोशिश में LOC पर गोले बरसा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना है, जो पाकिस्तानी गोलों का जवाब देते हुए आतंकियों को मसल रही है. साथ ही इस वैश्विक संकट कोरोना महामारी से निपटने में भी लोगों की मदद कर रही है. इसी कोशिश में भारतीय सेना के पांच जवानों नें कश्मीर के केरन सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे पांच आतंकियों को हैंड टू हैंड बेटल में मार गिराया. इस लड़ाई में पांच भारतीय जवान भी शहीद हो गए.
कोरोनावायरस के वैश्विक संकट से निपटने की जगह आतंकी मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश में जुटा पाकिस्तान COVID 19 के मामलों की रिपोर्टिंग में भी चालबाजी कर रहा है. हालांकि वहां का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तो मौजूदा संक्रमित लोगों के उपचार का भार तक नहीं उठा पा रहा है. जहां एक तरफ भारत 21 दिनों के लॉक डाउन का आधे से ज्यादा समय पार कर चुका है, वहीं पाकिस्तान का फेडरल और प्रांतीय प्रशासन इसे लागू करने को लेकर आपस में ही उलझ रहा है.
सोशल डिस्टेंसिंग को ठेंगा दिखा रहे पाकिस्तानी मौलवी
लॉक डाउन तो दूर पाकिस्तान सोशल डिस्टेंसिंग के बुनियादी नियमों को तक लागू करवाने में विफल रहा है. देश की कानून व्यवस्था चरमरा गई है और देशभर में बड़े पैमाने पर लोग इकट्ठे होकर धार्मिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. प्रशासन मौलवियों पर तक लगाम लगाने में सक्षम नहीं है और वह खुलेआम कानून की अवहेलना कर रहे हैं. ऐसे में पाकिस्तान को देशभर में सेना तैनात करनी पड़ी है.
अगर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की बात करें तो वह पहले से ही काफी खस्ता हालत में थी, जो कि कोरोनावायरस के संक्रमण के बाद और बिगड़ गई है और पाकिस्तान को अन्य देशों के सामने हाथ फैलाना पड़ रहा है. चीन की मदद से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को बदनाम करने की कोशिश करने वाला पाकिस्तान कोरोना से जंग के मामले में फिसड्डी साबित हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने इस विपत्ति की घड़ी में जब SAARC देशों को एकजुट करने की कोशिश की, तब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में तक शामिल नहीं हुए.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का रोना रोने वाला पाकिस्तान अब इस विपत्ति के दौर में भी उन कश्मीरियों का खून बहाने से बाज नहीं आ रहा है. अभी भी पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन करते हुए आतंकियों को बॉर्डर पार करवा रहा है. जिसके चलते कश्मीरियों को भारी नुकसान हो रहा है. पाकिस्तान इन सब हरकतों के बूते कोरोनावायरस से लड़ाई की अपनी नाकामी छिपाना चाहता है. वहीं भारतीय सेना कश्मीरियों के बीच जा कर उन्हें जरूरी राशन और दवाइयां उपलब्ध करा रही है.
कोरोना से जंग में पाकिस्तानी सेना नदारत, भारतीय सेना फ्रंट पर
पाकिस्तान में कोरोनावायरस से जंग में जहां पाकिस्तानी सेना गायब दिख रही है, वहीं भारतीय सेना भारत में खुद सामने आकर मदद कर रही है. 1 फरवरी को जैसे ही भारत को क्वारंटीन सेंटर बनाने की जरूरत पड़ी, भारतीय सेना ने तुरंत शॉर्ट नोटिस पर मानेसर में क्वारंटीन कैंप तैयार कर लिया. जोधपुर और जैसलमेर में भी सेना ने क्वारंटीन फैसेलिटी दी हैं. पांच अन्य जगहों पर भी भारतीय सेना ये सुविधाएं देने के लिए पूरी तरह तैयार है.
भारतीय सेना के ज्यादातर मिलिट्री हॉस्पिटल इस विपत्ति की घड़ी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वहीं सेना शॉर्ट नोटिस पर बड़ी संख्या में फील्ड हॉस्पिटल बनाने के लिए भी पूरी तरह तैयार है. ईरान, इटली और वुहान से लाए गए भारतीयों को सेना के ही क्वारंटीन कैंप में रखा गया था.
भारतीय सेना नरेला कैंप में दिल्ली सरकार को सुविधाएं उपलब्ध करा रही है ताकि इस भीषण बीमारी को हराया जा सके. भारतीय सेना सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में भी इस वायरस से जंग लड़ रही है. भारत से डॉक्टर्स की टीम को 14 दिनों के लिए मालदीव भेजा गया है. वहीं भूटान, नेपाल, अफगानिस्तान और कुवैत में जाने के लिए टीमें पूरी तरह तैयार हैं.
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जिस बीमारी ने पूरी दुनिया को घुटनों पर ला दिया है उसके खिलाफ भारतीय सेना सीना ताने लड़ रही है और इसी के साथ पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों को भी कुचल रही है. कोरोना से जंग के साथ-साथ भारतीय सेना पाकिस्तानी सीजफायर उल्लंघन का भी जवाब देते हुए गोले बरसा रही है. अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए भारतीय सेना के जवान LOC पर आतंकियों की घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोरोना से जंग के दौरान भी हमारी सरहदें सुरक्षित रहें.