पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही मोदी कैबिनेट की बैठक, लॉकडाउन को लेकर चर्चा

पहली बार मोदी कैबिनेट की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए

लॉकडाउन पर केंद्रीय कैबिनेट में हो सकती है चर्चा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कैबिनेट मीटिंग के बाद देंगे जानकारी
नई दिल्ली: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी है। माना जा रहा है कि बैठक में खासतौर पर लॉकडाउन की समीक्षा की जाएगी। लॉकडाउन को लेकर लोगों को हो रही मुश्किलें और अर्थव्यवस्था के नुकसान पर मोदी कैबिनेट की खास नजर होगी। कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हो रही है। सभी केंद्रीय मंत्री अपने-अपने घरों या दफ्तरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर रहे हैं। कैबिनेट मीटिंग के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन मीडिया को संबोधित करेंगे।
माना जा रहा है कि जिन मंत्रियों को राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है उनसे प्रधानमंत्री सवाल भी कर सकते हैं। इससे पहले विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों को राज्यों से सीधे संपर्क में रहने का आदेश दिया गया था। जिसकी आज समीक्षा की जा सकती है।
ताजा हालात की बात करें तो देश में अबतक कोरोना के मरीजों की संख्या चार हजार के पार हो चुकी है। वहीं मौत का आंकड़ा भी सौ के पार पहुंच गया है। लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस के नए मामले आ रहे हैं। जिसको लेकर सरकार बुरी तरह चिंतित है। केंद्रीय कैबिनेट न सिर्फ कोरोना वायरस के खिलाफ पुख्ता जंग पर विचार कर रही है। बल्कि लॉकडाउन के दौरान हो रहे नुकसान पर भी नेताओं की नजर होगी।
लॉकडाउन को लेकर लोगों में असमंजस
आम लोग अब भी संयम के साथ सरकार और प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं। जबकि सरकार ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि उसका लॉकडाउन बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। वहीं पीएम के बयानों पर गौर करें तो उन्होंने साफ कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लंबी होगी। ऐसे में लोगों में आशंकाएं घर करने लगी है कि कहीं सरकार एक बार फिर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा न कर दे।
ट्रेनों और हवाई यातायात बंद होने के कारण लोग जहां तहां फंसे हुए हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि सरकार और प्रशासन चाह कर भी इनकी मदद नहीं कर पा रहे। फिलहाल 291 मरीज कोरोना वायरस के चंगुल से मुक्त तो हुए हैं। जबकि इससे कई गुना अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो जब तक नए मामलों के आने का सिलसिला नहीं थमता तब तक लॉकडाउन हटाने की घोषणा करना सरकार के लिए महंगा साबित हो सकता है। हो सकता है सरकार लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल न करते हुए पाबंदियां जारी रख सकती है।
दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में कोरोना संक्रमितों की संख्या करीब पांच सौ पहुंच चुकी है। सुविधा संपन्न लोग अपने लिए संसाधनों का इंतजाम कर पा रहे हैं जबकि गरीब तबका लॉकडाउन की मार झेल रहा है।

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