गोपालगंज : कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए क्वारंटाइन किए गए लोग सेंटरों में चौदह दिन की अवधि पूरी नहीं कर रहे हैं। इसके चलते संक्रमण रोकना किसी चुनौती से कम नहीं है। क्वारंटाइन में रखे गए लोगों के भागकर घर तक जाने की शिकायतों के मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत क्वारंटाइन से भागने वाले लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी अरशद अजीज ने प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को कई बिदुओं पर दिशानिर्देश जारी किया है। ताकि क्वारंटइन में लाए गए लोगों को 14 दिनों तक रखकर उनकी काउंसलिग की जा सके।
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वैसे प्रशासनिक स्तर पर सभी प्रखंड मुख्यालयों के अलावा सभी 234 पंचायतों के विद्यालय को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है। इन सेंटरों पर करीब 11 हजार लोगों को रखने की व्यवस्था है। वर्तमान समय में इन सेंटरों पर 6700 से अधिक वैसे लोगों को रखा गया है, देश के विभिन्न प्रांतों से 25 मार्च के बाद घर लौटकर आए हैं। प्रशासनिक स्तर पर दूसरे प्रदेश से पहुंचे लोगों को क्वारंटाइन में 14 दिन तक लगातार रहने का आदेश जारी किया गया है। लेकिन कुछ लोग इस आदेश को मानने से इंकार कर रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने सभी क्वारंटाइन सेंटरों पर सख्ती बढ़ाने का आदेश जारी किया है। इसके तहत लोगों को प्रशासन की ओर से ही क्वारंटाइन सेंटर पर ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बतया कि क्वारंटाइन सेंटरों (अस्थायी स्क्रीनिग कैंप व आश्रय स्थलों) से 14 दिन की निर्धारित अवधि के पूर्व ही वहां रखे गए व्यक्तियों को हर हाल में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 14 दिन आइसोलेशन में रहना आवश्यक है। ऐसे लोगों से अपील की जा रही है कि क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए व्यक्ति अनिवार्य रूप से 14 दिन रुकें। इसके लिए काउंसिलिग कर उनको प्रेरित करें। यह उनके परिवार के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, अन्यथा कोरोना संक्रमण को रोकना कठिन हो जाएगा।
Posted By: Jagran
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