गोपालगंज : जज्बा और आत्मविश्वास हो तो कोरोना से भी बड़ी जंग जीती जा सकती है। इसकी बानगी इस समय जिले के विभिन्न अस्पतालों के अलावा क्वारंटाइन सेंटर पर तैनात चिकित्सक व पारा मेडिकल स्टॉफ में देखी जा सकती है। डॉक्टर से लेकर पारा मेडिकल स्टॉफ तक अपने संपूर्ण सामर्थ्य के साथ इस आपातकाल में भी पूरे सेवा भाव से अपना कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि हमने तो सेवा के संकल्प के साथ ही पढ़ाई की है, ऐसे में कोरोना से डरकर अपना संकल्प तोड़ देंगे, ऐसा हो ही नहीं सकता। यही तो हमारी परीक्षा की घड़ी है और हमें इसमें हर हाल में पास होना है।
मांझा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शाहिद नाजमी से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका जो जबाव मिला, वह प्रेरणादायक रहा। उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में किसी चिकित्सक या पैरा मेडिकल स्टाफ की असली परीक्षा होती है। हम कोविड 19 को चुनौती के रूप में ले रहे हैं और संकल्पित हैं कि उसे मात देकर ही सांस लेना है। उनके साथ क्वारंटाइन सेंटर पर स्क्रीनिग कार्य में तैनात स्वास्थ्य कर्मी कोरोना को लेकर सजग दिखते हैं। उनका भी यहीं कहना है कि कोरोना जैसी बीमारी उन्हें उनकी मंजिल से नहीं डिगा सकतीं। उनका कहना है कि जबसे कोरोना का संकट आया है, उन्होंने खुद को तो उससे निबटने के लिए तैयार कर ही लिया और अस्पताल में आने वाले हर मरीज को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सा सेवा देने वाला प्रत्येक स्टॉफ इस जिद के साथ काम कर रहा है कि कोरोना के खिलाफ जंग को हर हाल में जीतना है।
Posted By: Jagran
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