पटना, जेएनएन। एक तरफ दुनिया के कई देशों में कोरोना का कहर जारी है और भारत में ये संक्रामक वायरस तबाही मचा रहा है। इससे बिहार में भी लोगों के बीच भी दहशत है। लेकिन एक तरफ तो कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन कराया गया है तो वहीं इस बीच अफवाह और अंधविश्वास भी देखने को मिला है।
कोरोना संक्रमण की आशंका और लॉकडाउन के बीच समस्तीपुर जिले के विभिन्न शिवमंदिरों में नंदी के दूध पीने की अफवाह भी खूब रही। इस चर्चा पर रोसड़ा, दलसिंहसराय और विभूतिपुर के कई हिस्सों में लोग शिव मंदिरों तक पहुंच गए। वे अपने-अपने घरों से गंगाजल और चम्मच भी साथ ले गए थे। देखते-देखते मंदिरों में काफी भीड़ जुटने लगी।
बिहार में corona के कहर के बीच मंदिरों के बाहर नंदी की प्रतिमा गंगाजल पीने लगी। लोग अपने-अपने घरों से गंगाजल और चम्मच लेकर मंदिर पहुंचने लगे। देखते-देखते भीड़ जुटने लगी। पुलिस ने भगाया।#corona #बिहार #lockdown pic.twitter.com/cN1VHUKAuy
मंदिर पहु्ंची लोगों की भीड़ की सूचना मिलते ही विभिन्न थानों की पुलिस सक्रिय हुई और तत्काल मंदिर पहुंची और देखा तो हैरान रह गई। काफी संख्या में लोगों को इकट्ठा देखते ही पुलिस के माथे पर बल पड़ गए। मंदिरों में पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने भीड़ लगाए लोगों को समझाना शुरू किया। लेकिन कोई भी हटने को तैयार नहीं था। लोग नंदी महाराज को दूध और गंगाजल पिलाने पर उतारू थे।
काफी समय तक जैसे-तैसे स्थानीय प्रशासन और प्रतिनिधियों से बात कर मंदिर के पट को बंद किया गया और लोगों से घर जाने की अपील की गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर के पुजारी को भी समझाया। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने और किसी प्रकार की अफवाह में नहीं आने की अपील की। लोगों को बताया गया कि ये महज उनका भ्रम है। नंदी की प्रतिमा दूध या गंगाजल नहीं पी रही। काफी समझाने के बाद लोग माने और अपने घर गए।
बिहार में लोगों के बीच लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन करवाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही है। एक तरफ पुलिस परेशान है तो वहीं कुछ लोग बात ही नहीं मान रहे हैं।