-सरकार के संयुक्त सचिव ने सिविल सर्जन को भेजी तब्लीगी जमात के 86 व्यक्तियों की सूची और मोबाइल नंबर
-सीएस ने अस्पतालों के उपाधीक्षक समेत प्रभारियों को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई का दिया आदेश
जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना को लेकर सरकार सजग है। सरकार ने इसके संक्रमण पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर रखा है। निजामुद्दीन मरकज नई दिल्ली में शामिल तब्लीगी जमात के खुलासे के बाद सरकार और भी अधिक सतर्क हो गई है। सरकार के संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने बिहार के सभी सिविल सर्जन को पत्र प्रेषित कर तब्लीगी जमात के 86 व्यक्तियों की सूची दी है। उनके नाम एवं मोबाइल नंबर उपलब्ध कराते हुए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर जो व्यक्ति जिले में वर्तमान में आवासित हैं, उन्हें क्वारंटाइन में रखने को कहा है। उनका अनिवार्य रूप से सैंपल कलेक्शन करवाने का भी आदेश दिया है। सरकार के संयुक्त सचिव के पत्र के आलोक में सिविल सर्जन सुपौल ने उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल वीरपुर एवं त्रिवेणीगंज तथा जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है। इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। प्रेषित पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि निजामुद्दीन मरकज नई दिल्ली में शामिल तब्लीगी जमात के सदस्यों की सूची भेजी जा रही है। इन सदस्यों को क्वारंटाइन करते हुए कोरोना की जांच करने के उपरांत आवश्यकता पड़ने पर सैंपल जांच हेतु सदर अस्पताल सुपौल भेजना सुनिश्चित करेंगे।
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सरकारी निर्देशों के आलोक में सतर्क है प्रशासन
सरकारी निर्देशों के आलोक में जिला प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। इसी के तहत मदरसा, मस्जिद आदि में बाहर से आए लोगों की सघन खोजबीन में प्रशासनिक तंत्र जुटा हुआ है। विगत 1 अप्रैल की शाम नगरपरिषद क्षेत्र के पिपराखुर्द मदरसा में दिल्ली के रहने वाले छह मौलवियों को मदरसे में ही होम क्वारंटाइन किया गया। दिल्ली के रहने वाले मौलवी जमात में भाग लेने दिल्ली से चलकर 2 मार्च को सुपौल आए थे। जानकारी अनुसार पिपराखुर्द मदरसा में कुल 13 लोग एक दिन पूर्व तक मौजूद थे, जिसमें से दरभंगा और मधुबनी के रहने वाले 7 लोग बिना किसी जांच के ही दरभंगा निकल गए। दरअसल सुपौल पुलिस को सूचना मिली थी कि सुपौल के एक मदरसे में कुछ धर्म प्रचारक लंबे समय से ठहरे हुए हैं। जिसके बाद सदर पुलिस ने पिपराखुर्द मदरसा पहुंचकर जब जांच की तो वहां दिल्ली के रहने वाले छह मौलवी मौजूद थे। जो 2 मार्च को 13 लोगों की जमात के साथ सुपौल आए थे और जामा मस्जिद में कुछ दिन बिताने के बाद ये सभी 22 मार्च से पिपराखुर्द मदरसा में रहने लगे। लेकिन इस बीच लॉकडाउन हो जाने की वजह से ये लोग मदरसे में ही फंसे रहे। पुलिस ने इन लोगों से पूछताछ कर स्थानीय चौकीदार की निगरानी में इन्हें मदरसे में ही रख दिया है। यहां मौजूद लोगों में पांच नई दिल्ली के तथा एक मोतिहारी के रहने वाले हैं।