मुंगेर, केएम राज। कोरोना संक्रमण के संकट के दौर में बिहार के जमालपुर रेल कारखाना ने वेंटिलेटर बनाया है। ऐसा करने वाला वह देश का पहला रेल कारखाना बन गया है। खास बात यह है कि इस वेंटिलेटर की लागत महज 10 हजार रुपये ही है। पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक और रेल मंत्रालय को इसकी जानकारी दी गई है।
रेल कारखाना ने 48 घंटे में बना डाला सस्ता वेंटिलेटर
देश में कोरोना के बढ़ते मरीजों केा देखते हुए वेटिलेटरों की जरूरत भी बढ़ रही है। लेकिन वेंटिलेटर कम तो हैं हीं, महंगे भी हैं। इस समस्या के निदान के लिए जमालपुर रेल कारखाना के इंजीनियर आगे आए हैं। वहां के टीटीएस (टूल एंड टेंपलेट शॉप) में वेंटिलेटर तैयार करने की मुहिम महज 48 घंटे में ही रंग ले आई। कारखाना के 14 तकनीशियनों की टीम ने यह काम पूरा किया। उनका हौसला मुख्य कारखाना प्रबंधक सुदर्शन विजय और डिप्टी मैनेजर प्रेम प्रकाश बढ़ाते रहे।
रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलते ही शुरू हाेगा निर्माण
ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक सुनीत शर्मा ने बताया कि जल्द ही वेंटिलेटर की कोलकाता के किसी अस्पताल में जांच कराई जाएगी। इसके बाद इसपर आगे काम किया जाएगा। रेलकर्मियों ने बताया कि वेंटिलेर के संबंध में रेल मंत्री पियूष गोयल को सूचना दे दी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इसकी जानकारी दी गई है। रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद वेंटिलेटर का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाएगा। चार दिन में एक वेंटिलेटर तैयार हो जाएगा।
यहीं बना था पहला भाप इंजन, बनी थी पहली रेल क्रेन
विदित हो कि बिहार के जमालपुर में रेल कारखाना की स्थापना 8 फरवरी 1862 को की गई थी। तब यह एशिया का सबसे बड़ा रेल कारखाना था। इस कारखाने से ही देश का पहला भाप इंजन निकला था। इसी कारखाने में देश का पहला रेल क्रेन भी बनाया गया था। लेकिन भाप इंजन की उपयोगिता समाप्त होने के साथ इस कारखाना में काम कम होता गया।
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बने थे बम, अब बनाया वेटिलेटर
जमालपुर रेल कारखाने में केवल रेल संबंधी निर्माण ही नहीं किए गए हैं। देश की जरूरतों के अनुसार इसने रेल के अलावा अन्य चीजें भी बनाई हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान यहां बम बनाए गए थे। ताजा मामला वेटिलेटर के निर्माण का भी है।