ग्रिड को फेल होने से बचाने की कोशिश में जुटा बिजली विभाग

केंद्रीय बिजली मंत्रालय भले ही यह दावा करे कि रविवार रात 9 बजे यकायक सभी बत्तियाँ बुझाने से ग्रिड के फेल होने की आशंका बेबुनियाद है, सच यह है कि इसी मंत्रालय के कई विभाग और ख़ुद ग्रिड इस तैयारी में पूरे जोर से जुटे हुए हैं कि ग्रिड को फेल होने से बचाया जाए। यानी, मंत्रालय के ही लोग ग्रिड फेल होने की संभावना को खारिज नहीं कर रहे हैं। इसके उलट वे ऐसा होने से बचाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।


क्या है सरकार की योजना?
इसके अलावा गैस से चलने वाले संयंत्रों और पनबिजली घरों में उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि बिजली की खपत पहले की तरह सामान्य होने पर इन संयंत्रों से बिजली ली जाए और ताप बिजलीघरों पर बोझ न पड़े।

मुस्तैद है बिजली विभाग

दिशा निर्देश
इससे यह होगा कि माँग और आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर नहीं होगा, वोल्टेज ड्रॉप नहीं होगा और ग्रिड फेल नहीं होगा। आज की कुल रणनीति इसी के इर्द गिर्द है।

सरकार की सफ़ाई
मंत्रालय ने बयान में कहा, 'यह डर जताया जा रहा है कि ग्रिड में अस्थिरता आएगी और वोल्टेज में तेज़ उतार-चढाव होने से लोगों के बिजली से चलने वाले उपकरण खराब हो जाएंगे। यह आशंका ग़लत है।'

क्या कहा राउत ने?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो मैसेज में लोगों से अपील की है कि रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सारे घर की बत्तियाँ बुझा कर मोमबत्ती या दीपक जलाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में एकजुटता दिखाने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है।

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