साल बच्चों की मौत
दशकों से बिहार को केंद्र सरकार से स्वास्थ्य सुविधाओं की आपूर्ति के लिए मदद मिलती रही है लेकिन बावजूद इसके बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। अब सवाल ये उठता है कि आर्थिक मदद और क्षेत्रीय पार्टी के सत्ता में होने के बाद भी राज्य सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं क्यों नहीं दे पा रही है?बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में नरेगा मजदूरों का संगठन चलाने वाले एक अधिकारी बताते हैं कि जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड है केवल वही मजदूर ही कुछ समय के लिए अपना लालन-पालन कर पाने में सक्षम होंगे। बिहार की 88 फीसदी जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, इन क्षेत्रों में जातीय भेदभाव आज भी विराजमान है। बिहार में इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत लोगों को राशन और पका हुआ खाना उपलब्ध कराना है। राज्य सरकार की मदद से बिहार के ग्रामीण इलाकों में इन सुविधाओं को पहुंचाना प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसा ना हो कि कमजोर वर्ग के लोग भेदभाव और हिंसा का शिकार बन जाएं।