अरवल: लॉकडाउन के कारण दूध उत्पादन से जुड़े पशुपालकों को दोहरी मार सहनी पड़ रही है। वाहनों का आवागमन नहीं होने के कारण पशु चारा की कीमत कई गुना बढ़ गई और दूध का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
स्थानीय बाजार में आकर होटल और चाय वालों को दूध बेचने वाले सबसे अधिक परेशान हैं। दुकान बंद रहने से दूध की बिक्री प्रभावित हो गई है। इस बाबत में दूध विक्रेता मनेष कुमार ने बताया कि मिठाई दुकान बंद रहने के कारण दूध के अलावा पनीर व खोआ की भी खपत बंद हो गई है।इस वजह से औने-पौने दामों में इसकी बिक्री की जा रहीहै। मुसा यादव बताते हैं कि चुन्नी-चोकर की कीमतों में वृद्धि हुई है। जबकि दूध के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है। सुधीर कुमार का कहना है कि होटल बंद है तो दूध नहीं बिक रहा है। इधर कुट्टी का दाम बढ़ गया है।इसी व्यवसाय से जुड़े नित्यानंद सिंह कहते हैं कि मवेशियों को पालना काफी कठिन हो रहा है। दूध की बिक्री प्रभावित हुई है। पनीर भी कम कीमत में बेचना पड़ रहा है। दूध व्यवसायियों का कहना है कि मिठाई की दुकानें बंद होने से भी दूध की खपत नहीं हो रही है। हालांकि इन परेशानियों के बावजूद पशुपालक मवेशियों की सेवा कर रहे हैं इन्हें यह उम्मीद है कि चंद दिनों में सब कुछ ठीक हो जायेगा।
Posted By: Jagran
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