पटना, जेएनएन। एक ओर जहां कोरोना के कारण पूरा शहर लॉकडाउन है वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अपनी चिंता किए बिना दूसरों की मदद करने में लगे हैं। पटना के रहने वाले दंत चिकित्सक डॉ. प्रियेंदु सुमन को शुक्रवार की सुबह हाजीपुर से एक महिला मरीज का फोन आया जो थैलेसीमिया से पीडि़त है। फोन पर मदद की गुहार सुनते ही डॉ. प्रियेंदु स्कूटी से 30 किलोमीटर दूर हाजीपुर निकल गए। वहां से मरीज को स्कूटी पर बिठाकर पटना लाए और समाजसेवी मुकेश हिसारिया की मदद लेकर मरीज को ब्लड मुहैया कराया। इलाज के बाद डॉ. सुमन ने मरीज को वापस उसके घर हाजीपुर पहुंचाया। डॉ. प्रियेंदु कहते हैं कि उन्हें जब मरीज ने शुक्रिया कहा तो लगा जैसा जीवन का अनमोल तोहफा मिल गया हो।
पुलिस की ड्यूटी के साथ चिकित्सकीय सुविधा पर नजर
कोरोना के कहर के बीच अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद योद्धाओं में एक हैं सीआइडी (स्पेशल ब्रांच) के पुलिस इंस्पेक्टर संजीव कुमार। सुबह से लेकर शाम 8 बजे से तक ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। उनकी ड्यूटी है लॉकडाउन में शहर के हालात पर नजर रखना। इसके लिए उन्हें गली-गली की खाक छाननी पड़ती है। जरूरमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुंचने में क्या परेशानी हो रही है, उस परेशानी को दूर करना। राहत सामग्री के अलाव चिकित्सकीय सुविधा लोगों को मिल पा रही है या नहीं, उस पर भी नजर रखे हुए हैं। कंकड़बाग के कॉमर्स कॉलेज में जो राहत केंद्र बना है, वहां पर बिहार और बाहर के कई जिलों के 39 लोग ठहरे हुए हैं। इन लोगों की सहायता के लिए पुलिस यहां मुस्तैद है। मेडिकल टीम समय-समय पर आते रहती है। सुबह-शाम हर रोज यहां 200-250 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है।