सार स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया- 42 फीसदी संक्रमित 21 से 40 वर्ष के बीच देश में अब तक 68 लोगों की मौत हुई, ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से ऊपर मधुमेह, किडनी, हृदय, उच्च रक्तचाप रोगियों के लिए विशेष सतर्कता जरूरी
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देश में अब तक मिले कोरोना संक्रमितों में आधे से ज्यादा 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया, इसकी चपेट में आने वाले 42 फीसदी संक्रमित 21 से 40 वर्ष आयुवर्ग के हैं। वहीं, नौ फीसदी की उम्र शून्य से 20 वर्ष के बीच है। हालांकि अब तक देश में जिन 68 लोगों की मौत हुई उनमें ज्यादातर 60 वर्ष से ऊपर थे। इन्हें मधुमेह, किडनी, हृदय, उच्च रक्तचाप जैसे रोग पहले से थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दुनियाभर में कोरोना 0 से 6 और 60 या उससे ज्यादा की आयु के लोगों में सबसे ज्यादा घातक दिखाई दे रहा है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, 33 प्रतिशत संक्रमित 41 से 60 वर्ष के बीच हैं जो दूसरा सबसे बड़ा समूह है। जबकि 17 प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग हैं। मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल 58 संक्रमितों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। इन मरीजों में अधिकांश 60 वर्ष से ज्यादा के हैं और उन्हें पहले से कोई न कोई रोग है। केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों से शत-प्रतिशत सलाह मानने की अपील की है।दिल्ली में 82 साल तक के मरीज दिल्ली में अब तक 445 लोग संक्रमित मिले हैं। इनकी उम्र 17 से 82 वर्ष के बीच है। दिल्ली में 12 मरीज ऐसे हैं जो आईसीयू में हैं। इनमें दो को बीती रात वेंटिलेटर पर रखा गया। इन 12 में से 11 की आयु 62 से 79 वर्ष के बीच है।
बाकी प्रमुख देशों के हाल इटली : 73 फीसदी 51 वर्ष से अधिक के संक्रमितों में 18 वर्ष से कम के 1.4 प्रतिशत, 19 से 50 के बीच 26.2 प्रतिशत, 51 से 70 के 36.4 और 70 से अधिक उम्र के 36 प्रतिशत। चीन : 97 फीसदी से ज्यादा मृतक 59 से ऊपर चीन में मृतकों में 2.3 प्रतिशत की उम्र 59 वर्ष से कम। बाकी करीब 97 फीसदी ऐसे लोगों ने दम तोड़ा जिनकी उम्र 60 से अधिक थी।
सिर्फ बुजुर्गों के लिए घातक नहीं
डॉ. माइक रियान, कार्यकारी निदेशक, डब्ल्यूएचओ
अब तक माना जा रहा था कि बुजुर्गों की मौत रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से हुई। लेकिन वायरस युवाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में महामारी व्यापक रूप से है। इटली जैसे देशों में सबसे ज्यादा मौत हो रही हैं। अब तक सामने आए अध्ययन के अनुसार हृदय रोग से ग्रस्त मरीजों को बेहद सावधानी की जरूरत है। उन्हें लॉकडाउन के नियमों का सबसे ज्यादा पालन करना चाहिए।
जो अध्ययन अब तक सामने आए हैं उनके मुताबिक कोरोना किडनी को नुकसान पहुंचाता है। देश में क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) रोगियों की संख्या काफी है। आमतौर पर सीकेडी रोगी हर आयुवर्ग में है लेकिन 50 से 60 वर्ष या उससे ज्यादा के मरीज काफी हैं। इसलिए इन्हें अलर्ट रहना चाहिए।