सहरसा। कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच पंचायती राज भी इसमें अपनी भूमिका निभा रहा है। जिलों में पंचायती राज संस्था को कोरोना महामारी की रोकथाम करने के लिए आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए पंचायती राज संस्थाएं पंचम राज्य वित्त आयोग के अनुदान मद की राशि का इस्तेमाल करेगी। पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बिहार के सभी डीएम, डीडीसी व जिला पंचायत पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है।
पत्र में बताया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इसकी रोकथाम व आवश्यक सामग्रियों की जरूरत मुहैया कराने व जागरूकता लाने के लिए पंचायती राज संस्था के सभी लोगों को काम करना है। पंचायत प्रतिनिधियों को किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए हर समय मुस्तैद रहना है। पंचायतों में आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों पर बनाये गये आइसोलेशन वार्ड सहित क्वरांटाइन सेंटरों पर सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने में स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने को कहा गया है।
अनुदान राशि से सुनिश्चित किये जाने हैं ये कार्य
इस मद की राशि से प्रतिनिधियों व कर्मियों की सुरक्षा के लिए मास्क, हैंड ग्लब्स, सैनिटाइजर, साबुन आदि आवश्यक सामग्रियों की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर खरीद कर की जा सकती है। ग्राम पंचायतें, पंचायत स्तरीय आइसोलेशन कैंप में सभी सुविधाएं जैसे हैंड ग्लब्स, मास्क, सैनिटाइजर, साबुन आदि सभी जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था करेगी। पंचायत क्षेत्र में सामान्य स्वच्छता का काम जैसे ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव आदि सभी आवश्यक व्यवस्था के लिए इस मद की राशि का उपयोग किया जाएगा।
शारीरिक दूरी का पालन जरूरी
कार्य स्थल, ऑफिस एवं सार्वजनिक जगहों पर लोगों से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें, भीड़-भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचें, हाथों को समय-समय पर 20 सेंकेंड तक जरूर धोएं. हाथ मिलाने से परहेज करें, खांसी, जुकाम व छींक आदि होने पर मास्क का इस्तेमाल करें।