विश्व स्वास्थ्य दिवस : 60 की उम्र के बाद भी कम नहीं होगी आंखों की रोशनी, अपनाए ये 5 आदतें

स्वास्थ्य के मुद्दे और समस्या की ओर आम जनता की जागरुकता बढ़ाने के लिये हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता हैं। वर्तमान में आंखों से जुड़ी समस्या लोगों की बड़ी परेशानी का कारण बनती जा रही हैं और देखा जा रहा हैं मोतियाबंद के कई ऑपरेशन किए जा रहे हैं। खासतौर से एक उम्र के बाद आंखों की रोशनी की यह समस्या बढ़ने लगती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ऐसी आदतें लेकर आए हैं जो 60 की उम्र के बाद भी इनकी चमक को कम नहीं होने देगी। तो आइये जानते हैं इन आदतों के बारे में। UV किरणों से आंखों की रक्षा तेज धूप में बाहर निकलते वक्त आंखों को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाना चाहिए। इन हानिकारक किरणों के संपर्क में आने से मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद का खतरा हो सकता है। इन किरणों से बचने के लिए खासकर गर्मी के मौसम में आपको यूवी प्रोटेक्टर चश्मे का उपयोग करना चाहिए।


लैपटॉप या फोन ज्यादा न चलाएंलैपटॉप या फोन की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखों की रोशनी कम हो सकती है। बहुत देर कंप्यूटर और मोबाइल की स्क्रीन देखने के कारण आपकी नजर धुंधली हो सकती है। साथ ही सिरदर्द और कंधे में दर्द समेत कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको लैपटॉप पर ज्यादा देर तक काम करना है तो एंटी-ग्लेयर स्क्रीन का इस्तेमाल करें। हर दो घंटे के बाद आपको कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए।खानपान पर ध्यान अगर इंसान का खानपान सही रहे तो किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होगी। पौष्टिक और संतुलित आहार के माध्यम से इंसान स्वस्थ रहते हुए लंबे जीवन का सफर तय कर सकता है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा -3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जस्ता जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की आवश्यकता पूरी करने के लिए आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, अंडे, घी, नट्स, दाल, बीन्स संतरे और अन्य खट्टे फलों को शामिल करना चाहिए।

धूम्रपान से दूरीधूम्रपान यानी स्मोकिंग शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपके फेफड़े समेत आंखों की रोशनी के लिए बेहद हानिकारक है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि धूम्रपान करने से ड्राई आई, मैक्यूलर डिजनरेशन, डायबिटिक रेटिनोपैथी, आई सिंड्रोम और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं जरूर होती हैं। इसलिए आंखों की सेहत के लिए धूम्रपान से दूरी बनाए रखें।नियमित रूप से आंखों की जांच आंखों की सुरक्षा के लिए आपको नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए। ऐसा करने से आपकी आंखों की रोशनी का भी पता चलेगा और आने वाली समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।

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