बदलते मौसम में कैसे रखे अपना ख्याल, जाने

हिन्दुस्तान की हेल्पलाइन पर शुक्रवार को आयुर्वेद विशेषज्ञों ने लोगों को उनकी बीमारी से जुड़े सवालों के जवाब देकर जिज्ञासा शांत की. साथ ही अपील की कि लोग कोरोना को लेकर डरे नहीं.

बिना भय के कोरोना न फैले. इसके लिए पूरा योगदान करें. खुद को सुरक्षित रखने के साथ परिवारीजनों, परिचितों को सुरक्षित रखें. लॉकडाउन का पूरा पालन करें.
' सर, बदलते मौसम में बुखार चढ़ व उतर रहा हो तो क्या करें ? - अमरनाथ, नाका
यदि दवा खाने पर बुखार चढ़ने व उतरने की समस्या बनी हुई है तो भुना नमक का प्रयोग करें. आप खाने में प्रयोग होने वाले सफेद नमक को तवे पर इतना भून लें कि वह बहुत ज्यादा के रंग का हो जाए. उसे शीशी में रख लें. प्रतिदिन एक चम्मच उस भुने नमक को गुनगुने पानी में डालकर प्रातः काल शाम पिएं तो फायदा मिलेगा. बीपी के मरीज इस प्रक्रिया को कतई न अपनाएं. '
मुझे बार-बार एलर्जी होने की समस्या है? - रवि, राजाजीपुरम
आप नहाने में भिन्न-भिन्न साबुन का इस्तेमाल न करें. चिकित्सक की सलाह पर साबुन और ऑयल का प्रयोग करें. साथ ही हरिद्राखंड चूर्ण को दो बार गुनगुने पानी के साथ खाएं. ' मुझे पेशाब खुलकर नहीं हो रही संक्रमण भी है?- रामजी,इन्दिरा नगर
आप चंद्रप्रभा वटी की दो-दो गोली प्रातः काल शाम खाएं. चंदनासो दो चम्मच पानी से प्रातः काल व शाम लें. इससे बहुत ज्यादा आराम मिलेगा. ' सर बुखार 4-5 दिन से उतर नहीं रहा है, दवाई ली पर लाभ नहीं है ? - सुनैना, सरोजनी नगर
बुखार में आराम के लिए सोंठ, तुलसी, गुड़, काली मिर्च का काढ़ा पिएं. उसमें एक नींबू भी निचोड़ लें, जिससे स्वाद बदलेगा व विटामिन सी भी शरीर में पहुंचेगा. इसको दिन में कम से कम तीन बार व गर्म पिएं. इससे गले में खराश में भी आराम मिलेगा. '
मुझे हल्का बुखार गले में दर्द की समस्या बनी हुई है, क्या करूं? - कुमुद, आलमबाग गुनगुने पानी से दो-तीन बार गरारा करें. साथ ही पानी से भाप लें. भाप से फेफड़े को आराम मिलेगा. सितोपलादि चूर्ण एक चम्मच तीन बार शहद मिलाकर लें. फेफड़े को राहत व गले का संक्रमण दूर अच्छा होता है.
गले और पेट में छाले की समस्या है, पित्त बढ़ा रहता है, सर क्या करें ? - प्रांशू लखनऊ
अविपत्तिकर चूर्ण तीन बार एक-एक चम्मच भोजन से पहले लें. साथ ही आरोग्यवर्धनी वटी की दो-दो गोली भोजन के बाद खाएं. इससे बहुत ज्यादा राहत मिलेगी.
सर्दी, खांसी व बुखार से पीड़ित हैं तो उस स्थिति में घबराए नही ' साधारण लक्षण दिखने पर उस आदमी को एक अलग हवादार तथा साफ-सुथरे कमरे में अन्य सदस्यों से अलग रखें ' पीड़ित आदमी घर के कम से कम सदस्यों के सम्पर्क में रहे व साथ में खाना खाने से बचें ' पीड़ित आदमी को सादा डिस्पोजेबल मास्क पहनाएं, जिससे खांसने और छींकने से निकली संक्रमित छोटी-छोटी बूंदों को फैलने से रोका जा सके ' मास्क उपलब्ध न होने की स्थिति में साफ़ रुमाल का प्रयोग करें ' जिस कमरे में रहने की व्यवस्था हो, उस कमरे की कुर्सियों, मेज, दरवाजों, दीवार, फर्श व अन्य सतही जीचों को प्रतिदिन एक लीटर पानी में 15 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर के घोल से पोछें ' बुखार होने की स्थिति में पानी से स्कीन पर पट्टी रखें
गस्त्य हरितिकी (5 ग्राम) दिन में दो बार गरम पानी के साथ, संशमनी वटी (500) दिन में दो बार, त्रिकटु का चूर्ण 5 ग्राम ले सकते हैं. एक ली। पानी में तुलसी की 3-5 पत्तियां उबालें. जब ये पानी आधा रह जाए तो ठंडा करके घूंट-घूंट करके पिएं. डाक्टर सुनीत कुमार मिश्र, आयुर्वेद परामर्शदाता, केजीएमयू
सामान्य लोग गुनगुना पानी पिएं. सादे पानी से भाप लें. पानी में कुछ मिलाएं नहीं. गिलोय, नींबू घास (जराकुश), तुलसी, दालचीनी, इलायची, काली मिर्च, पिपली में गुड़ मिलाकर काढ़ा बनाकर पिएं. इससे हमारे फेफड़ों को ताकत मिलती है. डाक्टर एसके पांडेय, आयुर्वेद विशेषज्ञ, लोहिया संस्थान

अन्य समाचार