फरीदाबाद, 4 अप्रैल: जमातियों और उनके समर्थकों को तो सरकार से खुश होना चाहिए क्योंकि सरकार उनकी तलाश करवाकर मुफ्त कोरोना टेस्ट करवा रही है और पॉजिटिव पाए जाने पर उनका मुफ्त इलाज भी कर रही है, खुश होने के बजाय जमाती समर्थक नाराज हो रहे हैं और सरकार के खिलाफ अभियान चला रखा है.
जमाती समर्थक कभी किसी मंदिर का फेक वीडियो वायरल करके निजामुद्दीन मरकज में इकठ्ठी हुई भीड़ का समर्थन कर रहे हैं तो बॉर्डर पर मजदूरों की भीड़ शेयर करे रहे हैं, कुछ लोग तो सरकार के लॉक डाउन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, ये सरकार के खिलाफ अपने दिमाग में भरी नफरत किसी ना किसी तरीके से बाहर निकाल रहे हैं जबकि सरकार इनका ही भला कर रही है.
अब मान लो सरकार इनकी तलाश ना करे, मस्जिदों की जांच ना करे, मस्जिदों में लोगों को इकठ्ठा होकर नमाज पढ़ने दे तो क्या होगा, पहले ये अपने पूरे परिवार को संक्रमित करेंगे, उसके बाद मस्जिद में इकठ्ठा होकर समाज पढ़कर वहां आने वाले हर एक को संक्रमित करेंगे, उसके बाद इनसे मिलने के लिए इनका जो भी रिश्तेदार और दोस्त आएगा उसे संक्रमित करेंगे, ये लोग अधिकतर अपनी ही कौम के लोगों को संक्रमित करेंगे।
सरकार जमातियों द्वारा अनजाने में फैलाये जा रहे कोरोना संक्रमण को रोककर इनके ही परिवार, रिश्तेदार, दोस्त और कौम को बचा रही है उसके बावजूद भी सरकार से नाराज हैं. जबकि इन्हें सरकार की तारीफ करनी चाहिए और सरकार का धन्यवाद करना चाहिए।
हम ये नहीं कह रहे हैं कि ये लोग जान बूझकर कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं, ये लोग भी लापरवाही की वजह से किसी संक्रमित व्यक्ति की चपेट में आये हैं और जब तक इन्हें पता चलता है कि ये कोरोना संक्रमित हैं तब तक ये कइयों को संक्रमित कर चुके होते हैं, इसलिए अगर ये लोग सरकार के लॉक डाउन के नियमों का पालन करें और अपने घर में आइसोलेशन में रहें तो खुद भी बच जाएंगे, परिवार भी बच जाएगा, रिश्तेदार भी बच जाएंगे और कौम भी बच जाएगी।