अमेरिका कर रहा है इस पुरानी पद्धति से कोरोना वायरस का इलाज

कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका तवाह हुआ है. अमेरिका में अबतक 2 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. अबतक यहां 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौ-त हो गई है. अगर हम इस पूरे आंकड़े को विश्व स्तर पर देखे तो पूरे विश्व में इस बीमारी से 8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं. और 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौ-त हो गई है. अमेरिका अपनी पूरी पद्धति के तहत एक बार से कोरोना से लड़ने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिका में कोरोना वायरस को लेकर पुरानी तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका इससे पहले 1918 में अमेरिका में आई महामारी के दौरान जिस पद्धति का इस्तेमाल किया गया था अब फिर से अमेरिका के डॉक्टर इस बीमारी के लिए इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्वस्थ लोगों के प्लाजमा को संक्रमित लोगों के शरीर में दिया जाएगा जिससे की वह संक्रमित लोगों के शरीर में प्रोटीन के रुप में काम करेगा इसके साथ ही वह एक एंटीबॉडी भी बनाता है. जोकि कीटाणु पर हमला करता है. यह एंटीबॉडी संक्रमित व्यक्ति के खून में महीनों, सालों तक रह सकता है.

इधर इसको लेकर डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 के खिलाफ संक्रमित लोगों की एंटीबॉडी कितनी देर तक काम करेगी. लेकिन अभी के लिए यह सबसे सुरक्षित उपायों में से एक है. अमेरिका अमेरिका एक डॉक्टर रेबका का कहना है कि वह इस समय डोनर्स की पहचान करने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि हम ,संक्रमित लोगों के लिए एंटीबॉडी का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल के अध्यक्ष डॉ. डेविड रीच ने कहा है कि लोग इस बीमारी के सामने बहुत असहाय महसूस कर रहे हैं. यह एक ऐसी चीज है जो वह अपने साथियों की मदद के लिए कर सकते हैं. उपचार चल रहा है. हमें उम्मीद है कि यह काम करेगा.
स्त्रोतः- https://www.amarujala.com/world/antibodies-present-in-survivors-blood-can-help-in-beating-corona-virus-says-national-study-done-in-america?src=hl

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