पटना, जेएनएन। कोरोना से बचाव को जारी लॉकडाउन का कुछ निजी अस्पताल फायदा उठा खुली लूट मचा रहे हैं। शुक्रवार को ऐसा ही मामला राजधानी के कंकड़बाग थाना के हनुमान नगर स्थित सुपरस्पेशियलिटीहॉस्पिटल में सामने आया है। यहां जहानाबाद की महिला का सिजेरियन प्रसव कराने के नाम पर 1.48 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया। इसमें अस्पताल की फार्मेसी से 25 हजार रुपये की दवा का बिल भी है। हालांकि हाथ-पांव जोड़ने और कई लोगों के दबाव पर कुल एक लाख आठ हजार रुपये लेने के बाद उसे डिस्चार्ज किया गया। विदित हो कि सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव मुफ्त है, जबकि प्रमुख नर्सिग होम में 50 हजार रुपये तक का ही बिल आता है।
जहानाबाद से लाए थे पटना
जहानाबाद निवासी सीमा कुमारी के भाई जितेंद्र ने बताया कि वह प्रसव कराने के लिए उसे पटना लेकर आए थे। लॉकडाउन के कारण बड़े नर्सिग होम बंद हैं। एक परिचित उन्हें सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ले गया। वहां खर्च पूछने पर कहा गया कि 50 हजार जमा रुपये करा दीजिए जो बचेगा वापस किया जाएगा। जब तक वह भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर रहे थे कि बाहर से डॉक्टर बुलाकर सर्जरी करा दी। सर्जरी के बाद डॉक्टर ने बताया कि पेट में सिस्ट था, उसे भी साफ किया है। उसका पैसा अलग से लगेगा। दवाएं अपनी ही फार्मेसी से प्रिंट दर पर मंगाई। बच्चे को फोटोथेरेपी दिलाने के लिए दस हजार और लिए।
जितेंद्र कहते हैं कि बार-बार पूछने पर भी कभी पैसे नहीं बताए। ऊपर से अनाप-शनाप बिल को लेकर नाराजगी जताने पर नवजात और प्रसूता को बंधक भी बना लिया। अस्पताल प्रबंधन से बात करने के लिए उनकी रसीद पर दिए लैंडलाइन नंबर पर कई बार फोन की कोशिश हुई पर रिंग तक नहीं हुई।
सिविल सर्जन ने थाने में जाने की दी सलाह
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर चौधरी के संज्ञान में जब यह मामला लाया गया तो उन्होंने कहा कि बाईपास स्थित नर्सिग होम लूट मचाए हैं। पीड़ित से कहिए कि पुलिस से शिकायत करें। इसके बाद वो भी कार्रवाई करेंगे।
इन सरकारी अस्पतालों में मुफ्त प्रसव की सुविधा
सिविल सर्जन के अनुसार पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गुरुगो¨वद सिंह अस्पताल और सभी 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव की सुविधा है। कोरोना के बावजूद डॉक्टर मरीजों की सेवा में मुस्तैद हैं।