5 अप्रैल रात 9 बजे पीएम मोदी की दीया-मोमबत्ती जलाने की अपील के पीछे क्या है विज्ञान?

दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से निपटने के लिए कई देशों में लॉकडाउन घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत में 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन की घोषणा की, जिसके बाद उनकी इस अपील पर पूरा देश इसका पालन कर रहा है। लोग अपने-अपने घरों में हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले कोरोना संक्रमण की इस चेन को तोड़ने में अपनी सहभागिता कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह पीएम मोदी एक वीडियो संदेश के माध्यम से देशवासियों से मुखातिब हुए तो उन्होंने इस रविवार यानी पांच अप्रैल की रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घर की लाइटें बंद करने और दीया, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने की अपील की। इसके जरिए उन्होंने इस संकट की घड़ी में लोगों से एकजुटता दिखाने की अपील की है। पीएम के वीडियो संदेश के बाद से चर्चा होती रही कि ऐसा करने के पीछे क्या कारण है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दीया-मोमबत्ती अपील के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस अपील का सीधा संबंध योग वशिष्ठ के छठे अध्याय से संबंधित है। पद्मश्री अवार्डी और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि इस पुस्तक का छठा अध्याय सामूहिक चेतना के सिद्धांत के बारे में बताता है। 95 फीसदी लोग वही करते हैं, जो पांच फीसदी लोग सोचते और करते हैं। हमारे शरीर और सामूहिक चेतना के सिद्धांत के बारे में बात करते हुए वह कहते हैं कि जिस सिद्धांत को पुस्तक में रेखांकित किया गया है, उसमें शरीर के एसीई-2 रिसेप्टर्स को दुरुस्त करने की शक्ति है।अब सवाल है कि यह एसीई-2 रिसेप्टर क्या है!
एसीई-2 रिसेप्टर्स एक तरह का एंजाइम है, जो मानव शरीर के हृदय, फेफड़े, धमनियों, गुर्दे और आंत में कोशिका की सतह से जुड़ा होता है। यह रिसेप्टर गंभीर सांस संबंधी सिंड्रोम का कारण बनने वाले कोरोना वायरस के लिए कार्यात्मक और प्रभावी होता है। एसीई-2 रिसेप्टर्स को निंयत्रित और दुरुस्त करने वाला हमारी सामूहिक चेतना का विज्ञान क्वांटम फिजिक्स की अवधारणाओं पर आधारित है। अगर हम सभी सामूहिक रूप से शरीर में कोरोना वायरस को नहीं रहने देने का निर्णय लेते हैं तो हमारी सामूहिक चेतना ऐसा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
क्या कहता है ज्योतिषशास्त्र प्रधानमंत्री की इस अपील का संबंध ज्योतिषशास्त्र से भी बताया जाता है। ज्योतिषी डॉ. जय मादन के मुताबिक ऐसा करने के लिए 9 बजे और 9 मिनट चुनने का कारण मंगल का दोहरा प्रभाव है। मंगल साहस, पराक्रम, एकजुटता और एकाग्रता का प्रतीक होता है। यह हमारी उच्च इच्छा शक्ति और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे हम बड़ी समस्याओं को मात दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि पांच अप्रैल को चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा। सिंह, सूर्य का प्रतीक है, जिसका सीधा संबंध प्रकाश और शक्ति से है। दीया और मंत्र प्रकाश और ध्वनि ऊर्जा का अद्भुत संयोजन हैं। उन्होंने कहा कि मेरा भी यही सुझाव है कि उस समय बिजली के उपकरण जलाकर इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा न पैदा की जाए, क्योंकि यह राहु का कारण बनेगा, इससे बचना चाहिए। पीएम मोदी ने भी अपनी अपील में दीया, मोमबत्ती जलाने के दौरान घर की लाइटें बंद करने की अपील की है।
अंक ज्योतिष से भी है संबंध प्रधानमंत्री मोदी की इस अपील के पीछे अंक ज्योतिष का भी एक तर्क दिया जा रहा है। अंकशास्त्री नितिन गुप्ता के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि इस वायरस का संक्रमण राहु के कारण हुआ। यह अभी बुध राशि में यात्रा कर रहा है। राहु का अंक चार है और बुध का अंक पांच है। पांच अप्रैल यानी चौथे महीने की पांचवीं तारीख, जो बुध और राहु के अंक का संयोजन है। यदि वर्ष (2020) की संख्या भी जोड़ें तो भी यह चार हो जाता है। इस हिसाब से यह बहुत ही शुभ संयोजन है।
विष्णु दमनोत्सव और मदन द्वादशी धर्म-आध्यात्म और ज्योतिषशास्त्र के जानकार पंडित दयानंद पांडेय ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि पांच अप्रैल इसलिए भी खास है कि इस दिन विष्णु दमनोत्सव और मदन द्वादशी है। पुत्रशोक से बचाने के लिए इसका खास महत्व है। प्रधानमंत्री को अगर एक अभिभावक के तौर पर माना जाए तो करोड़ों देशवासी उनके पुत्र समान हुए, जिन्हें बचाने के लिए वह देशवासियों को एकजुट कर कोरोना को हराने का संकल्प ले चुके हैं।
इससे पहले 22 मार्च को पीएम मोदी की अपील पर देशवासियों ने डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों जैसे कोरोना वीरों के सम्मान में ताली, थाली और शंख बजाया था। कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देश इटली में भी लोगों ने डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में ताली बजाई थी, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब सराहना हुई थी। वहीं, इसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग से पैदा हो रहे अलगाव की भावना को हराने के लिए इटलीवासियों ने अपने घरों में खिड़कियों और बालकोनी में मोमबत्तियां और मोबाइल की फ्लैशलाइट भी जलाई और राष्ट्रगान भी गाया। लॉकडाउन के बीच ऐसी गतिविधियों से देशवासियों की एकजुटता दिखती है। पांच अप्रैल को रात नौ बजे भारतवासी भी इसी तरह एकजुटता की मिसाल पेश करेंगे।

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