पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस के चंगुल से आजाद हुई बिहार की पटना (दीघा) निवासी पहली महिला अनिता विनोद का इलाज करने वाले एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. नीरज कुमार बताते हैं कि अगर कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है तो उससे घबराने की जरूरत नहीं है। आपको धैर्य और सावधानी बरतनी होगी और जांच के बाद अपने चिकित्सक की बात माननी पड़ेगी। आप इस बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।
डॉक्टर नीरज ने ट्रैवेल हिस्ट्री से कोरोना से संक्रमित महिला का इलाज करने वाली चिकित्सकों की टीम में थे। अनिता पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उनके इलाज के बारे में डॉक्टर ने बताया कि जब अनिता एम्स पहुंची तो काफी घबराई हुई थी, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने डॉक्टरों को पूरा सहयोग दिया। बातचीत में अपनी ट्रेवल हिस्ट्री बताई।
दरअसल वह काम के सिलसिले में नेपाल गई थीं और वहां से लौटने पर बीमार हुईं। इसके आधार पर हम एम्स के डाक्टरों ने उनका सैंपल जांच के लिए भेजा। पॉजिटिव रिपोर्ट सुनकर अनिता काफी डर गई थीं।
हम डॉक्टरों ने नर्सिंग स्टाफ और यहां तक सफाई कर्मियों को शामिल कर उनके इलाज का एक प्लान बनाया। प्लान के तहत जब राउंड पर हम अनिता के पास पहुंचे तो पहले उनको मेंटली इलाज में सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया, समझाया कि वह कोरोना से लड़ाई में अकेली नहीं हैं। पूरा एम्स उनके साथ है। इसका असर दिखा और अगले ही दिन उनकी घबराहट आत्मविश्वास में बदल गई।
प्लान के तहत उन्होंने डॉक्टरों की हर सलाह को गंभीरता से लिया। हमने उनकी डाइट, खानपान, डिप्रेशन, शुगर, हृदय गति, धड़कन, ब्लड प्रेशर पर नजर रखी। कोरोना के इलाज को एम्स और आइसीएमआर द्वारा जारी की गाइडलाइन के मुताबिक दवाएं दी गईं। इस दौरान जब दो सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई तो हम सभी का आत्मविश्वास भी बढ़ गया और इलाज के दसवें दिन तीसरी सैंपल जांच के निगेटिव आने पर वे कोरोना मुक्त करार दी गईं। आज अनिता विनोद को घर-परिवार संग देखकर हम खुश होते हैं।
डॉ. नीरज कुमार कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की मारक क्षमता सिर्फ 5 फीसद ही है। लेकिन, यह बीमारी इतनी तेजी से पांव पसारती है कि संक्रमित व्यक्ति उल्टा-सीधा इलाज शुरू कर देता है। जबकि मेडिकल गाइडलाइन का पालन कर घर में रहकर इससे बचाव किया जा सकता है। जिन्हें संक्रमण हो गया है उन्हें भी घबराने की जरूरत नहीं। इससे लडऩे के लिए मनोबल ऊंचा रखना चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को प्रोटीन, विटामिन-सी, अंडा, संतरा, पपीता जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। खाली पेट रहने से कोरोना की मारक क्षमता बढ़ सकती है। इसलिए खाली पेट नहीं रहना चाहिए। रोजाना कम से कम तीन लीटर स्वच्छ पानी पीएं। सर्दी, खांसी, बुखार, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ हो तो जरूरी नहीं कि यह कोरोना है। लेकिन, ऐसे लक्षण होने पर जांच जरूर करवाएं।
(एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. नीरज कुमार ने जैसा फुलवारीशरीफ के रिपोर्टर मो. जमाल को बताया)
शरणम हॉस्पिटल की महिला कर्मी हुई कोरोना निगेटिव, आज मिलेगी छुट्टी
रामकृष्णनगर थाना क्षेत्र के खेमनीचक स्थित शरणम हॉस्पिटल की महिला कर्मी की इलाज के बाद हुई दूसरी जांच रिपोर्ट भी शुक्रवार को निगेटिव प्राप्त हुई है। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि महिला कर्मी को नेत्र रोग विभाग स्थित आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उसके बेहतर स्वास्थ्य को देखते हुए शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। गाइडलाइन के अनुसार महिला कर्मी को चौदह दिनों तक घर में ही क्वारंटाइन रहते हुए परिवार से दूरी बनाए रखनी होगी।
अधीक्षक ने बताया कि संक्रामक रोग अस्पातल व नशा मुक्ति इकाई स्थित आइसोलेशन वार्ड में 11 कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती हैं। इनमें गया से देर रात पहुंचे तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज भी हैं। उन्होंने बताया कि छह नये संदिग्ध शुक्रवार को भर्ती किए गए हैं। कोरोना अस्पताल में कुल 50 भर्ती लोगों का इलाज चल रहा है। अब तक 263 मरीज यहां भर्ती हुए हैं। इनमें जांच के बाद 199 को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि सिवान के जिन चार लोगों की आइडीएच में इलाज के बाद कोरोना जांच रिपोर्ट आरएमआरआइ से निगेटिव प्राप्त हुई थी। उन सभी का दूसरा सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही गाइडलाइन के अनुसार उन चारों को डिस्चार्ज किया जाएगा। फिलहाल इन चारों को एनएमसीएच के नेत्र रोग विभाग स्थित रिकवरी वार्ड में रखा गया है।