परिवार के साथ संबंध बेहतर करने का सुनहरा अवसर

पटना। कोरोना की वजह से इन दिनों पूरा शहर लॉकडाउन है। शहरवासी अपने घरों में कैद हैं। कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रो. मनोज कुमार का कहना है कि लॉकडाउन और सरकारी निर्देशों का हमलोग पूरी तरह से पालन नहीं किए तो कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जाएगा। इसका खामियाजा पहले परिवार को भुगतना पड़ेगा। बाद में ही कोई दूसरा प्रभावित होगा। इटली, स्पेन, अमेरिका, ईरान, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे विकसित देशों में कोरोना ने स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होने के बाद भी कोहराम मचा रखा है। हर दिन सैकड़ों मौत के शिकार हो रहे हैं। उन देशों की तुलना में अपने देश में स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत ही कमतर है। ऐसी स्थिति में हमलोगों को ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।

लॉकडाउन के कारण थोड़ी परेशानी हो रही है। लेकिन, इस दरम्यान हम अपने सामाजिक संबंध को कुछ बिंदुओं पर ध्यान देकर सशक्त बना सकते हैं। बच्चे और परिवार को ज्यादा से ज्यादा समय देकर उनकी दुश्वारियों और इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। बच्चों के साथ सुबह-शाम बैठकर पढ़ाई करें। बच्चों को स्टडी में सहयोग करें। जहां उनकी दुश्वारियों को हल नहीं कर पा रहे हैं। वहां संबंधित क्षेत्र के मित्र से संपर्क या ऑनलाइन स्डडी कर दूर करने का प्रयास करें। बच्चों को दादा-दादी के पास ज्यादा समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे दोनों के बीच सामाजिक बंधन सशक्त होगा तथा एक-दूसरे को समझ पाएंगे। प्रयास हो कि पूरा परिवार एक साथ ही भोजन करें। इसमें सभी की पसंद का ख्याल रखा जाए। परिवार के किसी सदस्य के साथ रिश्ते ठीक नहीं है तो उसे दुरुस्त करने का यह बेहतर अवसर है। 14 अप्रैल तक अपने-अपने घरों में रहते हुए जीवन को आनंदित कैसे करें? इसके विकल्प की तलाश अभी नहीं किए तो बाद में पछतावा होगा। लॉकडाउन हमें अपने जीवन के उद्देश्य के आकलन का बेहतर अवसर प्रदान कर रहा है। यदि परिवार के कोई सदस्य दूर हैं तो तकनीक का सहारा लें। वीडियो कॉलिंग से बातचीत कर दूरी को मिटाकर एक-दूसरे की दुश्वारियों को कम कर सकते हैं।

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