-फिर सात संदिग्ध का जांच के लिए भेजा जा रहा सैंपल
-पूर्व में 13 संदिग्धों की रिपोर्ट आ चुकी है निगेटिव
जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम हेतु लॉकडाउन की स्थिति में गरीब परिवार के जीवन बसर को देखते हुए बिहार सरकार द्वारा राहत देने की घोषणा की गई है। कुछ ऐसे प्रवासी मजदूर हैं, जिन्हें राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है। फलस्वरूप वे सरकार के इस लाभ से वंचित हो रहे हैं। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी महेंद्र कुमार द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को ऐसे व्यक्ति जिसके पास राशन कार्ड नहीं है उसका सर्वेक्षण कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश निर्गत किया गया है। लॉकडाउन के कारण विदेशों एवं अन्य राज्य से लौटे अद्यतन 3167 व्यक्तियों के सर्वेक्षण का कार्य कर लिया गया है। इसमें विदेश से लौटने वाले 201 और अन्य राज्यों से लौटने वाले कुल 2966 हैं। इनमें से 598 अप्रवासी श्रमिकों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। जहां उन सभी को भोजन व चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। शेष 2569 व्यक्तियों को होम क्वारंटाइन किया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति में सुपौल जिले में निर्धनों, निराश्रितों के लिए कुल 4 आपदा राहत केंद्र संचालित किए गए हैं, जिसमें आवासन के साथ-साथ भोजन की भी व्यवस्था की गई है। लॉकडाउन की अवधि में सुपौल जिला अंतर्गत सभी अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा आवश्यक सामग्रियों की अबाध आपूर्ति एवं अत्यावश्यक कार्यों के लिए वाहन व व्यक्ति पास निर्गत किया जा रहा है। इस हेतु आवेदन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन स्वीकार किए जा रहे हैं। अद्यतन कुल 167 व्यक्ति पास एवं 48 वाहन पास निर्गत किए जा चुके हैं। अद्यतन सुपौल सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में सात संदिग्ध मरीजों को रखा गया है। जिनमें 6 मरीजों का सैंपल संग्रह किया गया है, जिसे जांच हेतु आरएमआरआई पटना भेजा जाना है। अब तक सुपौल में एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित मामला नहीं आया है।
Posted By: Jagran
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