समस्तीपुर, जेएनएन। पटोरी स्थित एएनएम क्वारंनटाइन सेंटर में शुक्रवार को एक संदिग्ध की मौत हो गई। इससे चिकित्साकर्मियों में हड़कंप है। 42 वर्षीय संदिग्ध व्यक्ति मोहिउद्दीननगर का बताया जा रहा। उसे 28 मार्च को इस सेंटर पर आइसोलेट किया गया था। वह दिल्ली में कार्य करता था। वहां तबीयत खराब होने के बाद 14 मार्च को गांव आया था। उसे दिल्ली में ही हाथ-पैर में सूजन, बुखार और खांसी की शिकायत थी। लॉकडाउन के क्रम में मोहिउद्दीननगर के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों से इलाज के बाद वह घर पर ही था। बाद में बाहर से आनेवाले लोगों की खोजबीन शुरू हुई तो उसे 28 मार्च को पटोरी भेजा गया था। अनुमंडलीय चिकित्सा प्रभारी ने बताया कि उसे पिछले तीन माह से खांसी की शिकायत थी। कभी-कभी बुखार भी होता था। लेकिन, उसमें कोविड-19 के लक्षण नहीं होने के कारण उसकी जांच नहीं कराई गई थी। फिर भी सतर्कता रखते हुए 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। सातवें दिन उसकी मौत हो गई।
रिपोर्ट आने तक सुरक्षित रहेगा शव
मौत की खबर मिलते ही पटोरी के एसडीओ मोहम्मद शफीक तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को समस्तीपुर भेज दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि शव स्वजन को तब तक नहीं सौंपा जाएगा और सुरक्षित रखा जाएगा, जब तक कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट नहीं आ जाती।
जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि उक्त युवक को टीबी की शिकायत थी। वह पहले से ही बीमार था। फिलहाल, उसकी पत्नी, बेटी और मां के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों समेत 16 लोगों को पटोरी के ही क्वारंटाइन सेंटर में लाया गया है। पटोरी में मौजूद चिकित्साकर्मियों को अलर्ट कर दिया गया है। सेंटर को फिर से सैनिटाइज्ड कराया गया है। मोहिउद्दीननगर के बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह तथा एसआइ अनिल कुमार सिंह उसके घर पहुंचे। पूरी जानकारी जुटाई जा रही।