कोरोना संक्रमण की डरावनी रफ्तार में एक और वायरस है मददगार, कहीं ये आपके अंदर तो नहीं

नई दिल्ली: कहीं आपके अंदर भी तो नहीं है यह दूसरा वायरस? कोरोना वायरस (Coronavirus) का यह दोस्त वायरस कोरोना को न सिर्फ मजबूत करता है बल्कि कोरोना के खिलाफ दुनिया भर में छिड़ी मुहिम को भी कमजोर कर रहा है. 02 और 03 अप्रैल की मध्यरात्रि जब आप गहरी नींद सो रहे थे तब रात के अंधेरे में उस वक्त हम COVID-19 के खिलाफ जंग को कुछ हार सा रहे थे. रात के डेढ़ बजे तक कोरोना वायरस इस दुनिया के 10 लाख से भी ज्यादा इंसानों के शरीर में दाखिल हो चुका था और लगातार बहुत तेजी से हमारी अपनी इस दुनिया से इंसानी वजूद को मिटाने के लिये आगे बढ़ रहा है. कोरोना वायरस हमारी आपकी समझ से कहीं ज्यादा तेजी से इंसानों के शरीर में प्रवेश करता जा रहा है.

कोरोना का शिकार हुए 10 लाख इंसानों में से 50 हजार से ज्यादा लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं, COVID-19 इनकी जिंदगियों को लील चुका है. हालांकि 10 लाख कोरोना के शिकार लोगों में से 2 लाख से ज्यादा लोगों को हमने अब तक कोरोना से बेहद कड़ी लड़ाई लड़कर बचा लिया है. लेकिन दुखद पहलू यह है कि अब कोरोना पॉजिटिव मामलों की रफ्तार रिकवरी के मुकाबले कहीं ज्यादा है यानी कि कोरोना वायरस के मरीज बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन इससे ठीक होने वाले लोगों की संख्या तुलनात्मक रूप से बेहद कम होती जा रही है. अप्रैल की दूसरी तारीख खत्म होते-होते कोरोना पॉजिटिव के मामलों का आंकड़ा 10 लाख से ऊपर है. मौत का आंकड़ा 50 हजार से ऊपर है और कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद ठीक होने वाले लोगों का आंकड़ा 02 लाख के ऊपर पहुंच गया है.
दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार:
- पहले 1 लाख केस: करीब 70 दिन (06 मार्च तक) - दूसरे 1 लाख केस: 12 दिन (18 मार्च तक) - इसके बाद 08 लाख नए केस: सिर्फ 15 दिन
बड़ी बात: अब हर एक से डेढ़ दिन में नए 1 लाख कोरोना पॉजिटिव केस सामने आना शुरू हो गए हैं.
अब आप खुद अंदाजा लगाइए कि किस तेजी से कोरोना दुनिया भर में पैर पसार रहा है और अगर यही रफ्तार रही तो क्या होगा. आखिर कहां हमसे चूक हो रही है कि हम कोरोना के खिलाफ युद्ध में कमजोर पड़ रहे हैं.
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एक और वायरस का भी दिख रहा रोका कोरोना के 06 लाख पॉजिटिव मामलों के बाद से अब हर 24 से 30 घंटों में करीब 1 लाख नए पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं और यह सब तब है जब पूरी दुनिया के तमाम देश एड़ी चोटी का जोर लगाकर कोरोना के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं. कोरोना संकट से निपटने के लिये पूरी दुनिया में युद्धस्तर पर प्रयास हो रहे हैं लेकिन फिर भी हम हारते से जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना का एक और साथी वायरस है. कोरोना का यह दोस्त कोरोना से भी ज्यादा डरावना और खतरनाक है. यह वायरस इंसानी शरीर में बहुत पहले से ही घुसपैठ करके बैठा हुआ है. इसका नाम है जहालत का शैतानी वायरस. हम में से कुछ लोग इस दूसरे वायरस को आत्मचिंतन और मनन से खत्म करके धर्म के रास्ते पर चलते हैं और कुछ लोग इस दूसरे वायरस को न सिर्फ पनाह देते हैं बल्कि और भी मजबूत करके अधर्म के रास्ते पर चलते हैं.
यह जहालत का वायरस कुछ लोगों के दिमाग पर चढ़कर उन्हें हमारी फिक्र करने वाली सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों की गाइडलाइंस को मानने से न सिर्फ रोकता है बल्कि कोरोना के खिलाफ छिड़ी मुहिम को कमजोर करने की भी कोशिश करता है.
अगर आप भी कोरोना के इस संकट काल में सरकार के नियमों, कानूनों और सलाहों को नहीं मान रहे हैं तो यकीन मानिए आपके अंदर जहालत का वायरस मौजूद है. जो न सिर्फ आपको कोरोना तक पहुंचाएगा बल्कि तमाम इंसानों को कोरोना की खुराक बना देगा.
ऐसे में कोरोना वायरस को कुछ इंसानी शरीरों के अंदर छिपे शैतानी जहालत के वायरस का साथ मिल गया तो ये दोनों जिन्न भाई काफी हैं. इस दुनिया से इंसान और इंसानियत के खात्मे के लिये इसीलिए जरूरी हो गया है कि दोनों वायरस (कोरोना+जहालत) का इलाज एक साथ किया जाए तभी हम इस भयानक डरावने संकट से उबर सकते हैं.

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