देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी घटनाओं के वीडियो वायरल भी हुए हैं। इस पर सख्त कदम उठाते हुए यूपी सरकार ने फैसला किया है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, राज्य सरकार ने गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में नर्सों के साथ बदसलूकी की घटना के बाद तबलीगी जमात के आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है।
गृह विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, यूपी में इस कदम का मकसद उन लोगों को हिरासत में लेना है जो लॉकडाउन को हल्के में ले रहे हैं और यहां तक कि उन्हें रोकने पर पुलिसकर्मियों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ अन्य ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जिनमें लोग लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
पुलिस पर किया था पथराव
यूपी के मुजफ्फरनगर में लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस पर हमला हो गया। इस घटना में एक उप-निरीक्षक और एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक अप्रैल को जब पुलिस टीम ने लॉकडाउन को लागू करने की कोशिश कर रही थी तो ग्रामीणों के एक समूह ने उन पर हमला कर दिया। पुलिस टीम मुजफ्फरनगर में मोरना गाँव के इलाके में गश्त कर रही थी और बाहर जमा हुए लोगों को बाहर निकाल रही थी। जब ग्रामीणों को निषेधात्मक आदेशों का पालन करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया, उनमें से कुछ ने अधिकारियों पर लोहे की रोड से भी हमला किया।
बदसलूकी पर तबलीगी जमात के लोगों पर भी लगाया एनएसए
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में तबलीगी जमात के लोगों को आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था, लेकिन उनकी हरकतें सामान्य नहीं बताई जा रही थी। आरोप है कि जमाती मरीज स्टाफ नर्स के सामने अश्लील हरकत करते थे। इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने पुलिस से की थी। जिसे यूपी सरकार ने गंभीरता से लिए तबलीगी जमात के लोगों पर भी एनएसए के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है।