इन तरीको से गर्भवती स्त्रियों के लिए अपनी शारीरिक एवं मानसिक चुनौतियों से लड़ना होगा बेहद आसान

जब पूरी संसार कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए प्रयत्न कर रही है व इसे काबू करने के लिए लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी बनाने जैसे कदम ही एकमात्र तरीका नजर आ रहे हैं, ऐसे में गर्भवती स्त्रियों के लिए अपनी शारीरिक एवं मानसिक चुनौतियों से अकेले लड़ना बेहद कठिन हो गया है क्योंकि उन्हें इसी समय में किसी के साथ की सर्वाधिक जरूरत होती है. कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच गर्भवती स्त्रियों को कई अप्रत्याशित परिस्थितियों से जूझना पड़ रहा है.

हांगकांग में पहले लोकतंत्र समर्थक हिंसक प्रदर्शनों व उनके विरूद्ध आंसू गैस छोड़ने जैसी कार्रवाई के कारण व फिर कोरोना वायरस महामारी के चलते जैमी चुई को गर्भधारण के बाद से लगभग नौ महीने अपने घर में अकेले ही रहना पड़ा व अब जब वह बच्चे को जन्म देने वाली है, तो ऐसे में भी उनके साथ कोई नहीं होगा व उनके पति कई दिन बाद ही अपने बच्चे को देख पाएंगे.
प्रसव कराने वाली यूनिट्स पर ताला-
हांगकांग व चाइना ने मातृत्व इकाइयों में संक्रमण रोकने के लिए संसार के सबसे कड़े कदम उठाए हैं: गर्भवती महिला के पति को भी सरकारी अस्पताल की प्रसूति इकाइयों, प्रसव इकाइयों व प्रसवोत्तर इकाइयों में जाने की अनुमति नहीं है. इसके कारण कई स्त्रियों को गर्भावस्था की कई प्रकार की समस्याओं व संक्रमण के डर से अकेले की लड़ना पड़ रहा है. इस समय अस्पतालों पर भी अत्यधिक दबाव के कारण संसाधनों का अभाव है.
चुइ ने कहा, ''सच कहूं तो मैं घबराई हुई हूं. मुझे नहीं पता कि मैं व क्या कर सकती हूं. उन्होंने बोला कि उन्हें सर्वाधिक तनाव इस बात का है कि अस्पताल में किसी को साथ आने की अनुमति नहीं है.
प्रसव के दौरान अपने साथी के साथ जाने पर प्रतिबंध लगाना दुनिया स्वास्थ्य संगठन की 'सुरक्षित प्रसव जाँच सूची के विरूद्ध है. संगठन के अनुसार प्रसव के दौरान महिला के साथ कोई भरोसेमंद आदमी होना चाहिए.
न्यूयार्क के कुछ अस्पतालों में भी इसी प्रकार का प्रतिबंध लगाने की प्रयास की गई थी लेकिन लोगों के विरोध जताने पर गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किया कि 'कोई महिला बच्चे को जन्म देने के समय अकेली नहीं होगी.
चीन व हांगकांग में गर्भवती महिलाएं यदि अपने साथी को साथ लाना चाहती हैं तो उन्हें व्यक्तिगत अस्पताल में प्रसव कराना पड़ रहा है जहां 10,000 डॉलर खर्च करने पड़ते हैं वरना उनके पास सरकारी अस्पतालों में अकेले ही चुनौतियों से जूझने का विकल्प है.
मकाउ में रह रही कनाडाई दाई व लोक स्वास्थ्य अनुसंधानकर्ता का बोलना है कि इस प्रकार का प्रतिबंध समस्या पैदा कर सकता है. उन्होंने बोला कि गर्भवती महिलाएं पहले ही बच्चे के वायरस से संक्रमित होने या थकी हुई चिकित्सकीय टीम को लेकर चिंतित हैं, ऐसे में उनकी चिंता को व बढ़ाने से उनका प्रसव बेहद कठिन होने कि सम्भावना है.
हालांकि शिशुओं में कोरोना वायरस संक्रमण व इससे मृत्यु की संख्या बहुत कम है लेकिन हाल में अमेरिका में इस बीमारी संबंधी जटिलताओं के कारण छह माह के बच्चे की मृत्यु हुई है. उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार चली गई है तथा 50,000 लोग जान गंवा चुके हैं.

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