'ग्रीन सिंबल' से चल रहा वायरस के बाद चीन में जीवन

चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद की जिंदगी स्मार्टफोन के एक ग्रीन सिम्बल (संकेत) से चलने लगी है। ग्रीन सिम्बल एक ऐसा 'स्वास्थ्य कोड' है जो बताता है कि यह व्यक्ति संक्रमण के लक्षण से मुक्त है। यह संकेत किसी सब-वे में जाने, किसी होटल में प्रवेश या वुहान में दाखिल होने के लिए जरूरी है। वुहान इस वायरस का केंद्र रहा है और यहां दिसम्बर में यह महामारी फैल गई थी।


इस स्वास्थ्य कोड का बनना इसलिए संभव हो पाया क्योंकि चीन में लगभग सभी लोगों के पास स्मार्टफोन हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पास अपने नागरिकों की निगरानी और उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए लोगों की जानकारियों का 'बिग डाटा' है। कपड़े का उत्पादन करने वाली कंपनी की एक प्रबंधक वु शेंगहोंग ने वुहान सब-वे स्टेशन पर अपना स्मार्टफोन निकाला और वहां लगे एक पोस्टर के बार कोड को अपने फोन से स्कैन किया।

इससे उनका पहचान पत्र संख्या और ग्रीन सिम्बल आ गया। इसके बाद सब-वे पर मास्क और चश्मा पहने एक गार्ड ने उन्हें आगे जाने की इजाजत दी। अगर यह कोड लाल आता तो गार्ड को इसकी जानकारी मिल जाती कि या तो वह संक्रमित हैं या उन्हें बुखार और अन्य लक्षण हैं। वहीं यैलो कोड यह बताता है कि वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हैं और 2 सप्ताह का पृथक समय नहीं बिताया है। इसके बाद उन्हें किसी अस्पताल या घर में पृथक रखा जाता। 51 वर्षीय वु ने कहा कि 'लाल या पीले कोड' वाले लोग निश्चित रूप से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सुरक्षित महसूस करती हैं।

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