चारों ओर से कानूनी तौर पर घिर जाने के बाद भी देश भर में कोरोना को लेकर फैल जाने के आरोपी संदिग्ध तगलीबी यात्री बेजा हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. बुधवार को जब इन्हें दिल्ली में पुलिस और सरकार ने घेरा तो, वहां बसों में बैठते वक्त इनमें से कई ने पुलिस-सरकारी कर्मचारियों के ऊपर थूका.
अब इन्हीं में से कुछ खुराफाती किस्म के संदिग्ध और गाजियाबाद के अस्पताल में दाखिल तबलीगी खुराफाती हरकतों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं. यहां अस्पताल स्टाफ के साथ इनके ऊल-जलूल सलूक की लिखित में शिकायतें सामने आई हैं. फिलहाल जांच गाजियाबाद के नगर पुलिस अधीक्षक और एडीएम को संयुक्त रूप से दे दी गई है.
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गाजियाबाद स्थित एमएमजी (सरकारी अस्पताल) के कुछ स्टाफ ने 1 अप्रैल यानी बुधवार को गाजियाबाद के मुख्य मेडिकल डॉक्टर को अस्पताल स्टाफ की ओर से शिकायती पत्र लिखा था. पत्र के मुताबिक, "अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) में भर्ती कई जमाती मरीज स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ के साथ बदतमीजी से पेश आ रहे हैं."
अधनंगी हालत में नर्सिंग स्टाफ के सामने घूम रहे तबलीगी
इनमें कुछ जमाती और संदिग्ध कोरोना संक्रमित ऐसे भी हैं जो, नर्सिंग स्टाफ के सामने अधनंगी हालत में ही घूमना शुरू कर देते हैं. इतना ही नहीं वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ के साथ हदें पार करते हुए अश्लील गाने तक गाने से बाज नहीं आ रहे हैं.
बात महिला स्टाफ तक ही सीमित नहीं रही. इन जमातियों (दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय से लौटकर कोरोना संदिग्ध हुए) ने बेहूदगी की तमाम हदें तब पार कर दीं जब, वार्ड में मौजूद स्टाफ से यह लोग मादक पदार्थों मसलन तम्बाकू, बीड़ी- सिगरेट तक की मांग करने लगे.
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इनकी हरकतों से चंद घंटों में ही परेशान आए स्टाफ ने, मामला जिला चिकित्सालय प्रमुख के संज्ञान में दिया. मामले की गंभीरता को समझते हुए अगले ही दिन (शिकायत मिलने के) यानि गुरुवार 2 अप्रैल 2020 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एमएमजी अस्पताल ने जिलाधिकारी, एसएसपी गाजियाबाद, जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी और थाना घंटाघर कोतवाली पुलिस के पास लिखित में भेज दिया.
एसएसपी का कहना है, "शिकायत मिली थी, आरोप गंभीर हैं, कोरोना जैसी महामारी हो या फिर कोई और वक्त. किसी के साथ भी कोई इस तरह की बदतमीजी करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिलहाल मामले की जांच एडीएम शैलेंद्र सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक मनीष मिश्रा संयुक्त रुप से कर रहे हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाये जाएंगे."
इसी बीच प्रशासन ने शुरुआती कार्रवाई के तौर पर फैसला लिया है कि अब तबलीगी जमात के लोगों की चिकित्सा एवं सुरक्षा में महिला स्वास्थ्यकर्मी और महिल पुलिसकर्मी नहीं लगाई जाएंगी. अस्पताल में इलाज करा रहे तबीलीगी जमात के लिए अब से पुरुष कर्मचारी ही तैनात रहेंगे.