जहानाबाद : सुबह उठते ही अफरातफरी। दोपहर बिल्कुल सुनसान। जहानाबाद में अब समझ में आया क्या होता है लॉकडाउन। तस्वीरें बयां कर रही है कि शहर में जिंदगी कैसे पल-बढ़ रही है। सूर्य निकलने से पहले ही सब्जी और जरूरी सामग्री के लिए अफरातफरी का माहौल हो जाता है। दोपहर में तो मुख्य मार्ग से लेकर गलियों तक में ऐसा सन्नाटा पसर रहा जैसे मोहल्ले में कोई आदमी नहीं हो। हम बात कर रहे हैं नोवल कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लागू लॉकडाउन के प्रभाव का।
सुबह में सब्जी मंडी, किराना दुकान, दूध इत्यादि जगहों पर लोगों की संख्या थोड़ी अधिक दिखती है। लेकिन जैसे ही प्रशासन द्वारा जारी समय सीमा समाप्त होता है लोगों का रुख अपने घर की तरफ हो जाता है। मेडिकल दुकान को छोड़ सभी जरुरी सामानों की दुकानें बंद होने लगती है। हालांकि सुबह में बिना काम के चहलकदमी कर रहे लोगों पर पुलिस की पैनी नजर रहती है। मोटरसाइकिल चालकों के हरकत को समझते ही पुलिस लाठियां भांजने में थोड़ी भी देर नहीं करती है। आम आवाम भी इसे अपनी सुरक्षा समझकर बिना समय गंवाए वहां से कूच कर जाने में ही भलाई समझ रहे हैं। प्रशासन द्वारा दिए गए समय समाप्त होते ही सड़कों पर पुलिस की गश्ती बढ़ जाती है। लोग अपने-अपने घरों में दुबक जा रहे हैं। शहर के प्रत्येक चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती कर दी गई है। इसके साथ ही मोबाइल टाईगर के जवान विभिन्न गलियों में मार्च करते दिख रहे हैं। सड़क से लेकर गलियां सुनसान पड़ी है। वायरस से डर सभी को है। बैरियर पर तैनात पुलिस के जवान बिना जांच के किसी को इधर-उधर नहीं जाने दे रहे हैं। लोगों को सबक सिखाने को लेकर पुलिस विभिन्न तरह की तरकीब अपना रही है। जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी से लेकर तैनात कर्मी जहां भी बाहर से आने वालों लोगों की सूचना प्राप्त हो रही है उसे क्वारंटाइन के लिए दौड़ जा रहे हैं। प्रशासन का यह मानना है कि इस तरह के वैश्विक महामारी में थोड़ी भी लापरवाही हुई तो फिर किसी को बचाना संभव नहीं होगा। इधर सीडीपीओ कार्यालय में सेविकाओं के बीच मास्क का वितरण किया गया। शहर के इरकी गांव के छोटे-छोटे बच्चे भोजन के लिए इंतजार करते रहे। वहां के लोगों का कहना था कि लॉकडाउन के कारण गरीब मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। इसके कारण उनलोगों के बच्चे के समक्ष भोजन का संकट होते जा रहे हैं। अनुमंडल पदाधिकारी निवेदिता कुमारी ने कहा कि कुछ लोग जांच में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों से जांच में सहयेाग करने की अपील की। जांच से किसी प्रशासन को कुछ लेना देना नहीं है लेकिन आपके परिवार को इस वायरस से बचाना लोक सेवकों का परम कर्तव्य है। जिस तरह से आप अपने बाल बच्चे को छोड़ किसी प्रदेश में दो जून की रोटी की जुगाड़ में रहते हैं। उसी तरह कम से कम 14 दिन आप क्वारंटीन में जरुर रहे। प्रशासन द्वारा इस तरह का कार्य आपके भलाई के लिए किया जा रहा है।
Posted By: Jagran
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