यह विवाद उस ट्वीट से शुरू हुआ जो क्रिकेट की एक बड़़ी बेवसाइट ने किया था. इस ट्वीट में धोनी के छक्के की फोटो लगाते हुए लिखा गया कि ये वो शॉट है जिसने करोड़ों भारतीयों को जश्न मनाने का मौका दिया. इसी ट्वीट पर गौतम गंभीर ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई. गौतम गंभीर ने लिखा विश्व कप पूरे भारत ने जीता था. पूरी भारतीय टीम और टीम के सपोर्ट स्टाफ ने जीता था. एक छक्के को लेकर इतना 'ऑब्सेशन' कब तक.
- Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 2, 2020 इसके थोड़ी ही देर बाद इसी वेबसाइट पर एक और ट्वीट किया गया. जिसमें श्रीलंका के महेला जयवर्धने और गौतम गंभीर की पारियों का जिक्र भी था. आपको बता दें कि 2011 विश्व कप में 275 रनों का पीछा करने में भारत के लिए सबसे ज्यादा 97 रन गौतम गंभीर ने ही बनाए थे, लेकिन धोनी की 94 रनों की पारी उनकी पारी पर भारी पड़ी थी. धोनी को ही मैन ऑफ द मैच चुना गया था. 2011 विश्व कप के बाद गंभीर ने हमेशा कहा कि उन्हें शतक से चूकने का कोई मलाल नहीं है क्योंकि टीम की जीत बड़ी थी ना कि उनका शतक. गौतम गंभीर की बल्लेबाजी से ही संभली थी फाइनल के दबाव को समझते हुए श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था. जयवर्धने के शानदार शतक की बदौलत श्रीलंका ने 274 रन बनाए. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने जब भारतीय टीम उतरी तो उसे शुरूआती झटके लगे. पहले ओवर की दूसरी ही गेंद पर सहवाग आउट हो गए. इसके बाद स्कोरबोर्ड पर 31 रन ही जुडे थे जब सचिन तेंदुलकर भी पवेलियन लौट गए. 275 रनों का लक्ष्य अब काफी बडा दिखने लगा. विराट कोहली और गौतम गंभीर ने मोर्चा संभाला. इन दोनों बल्लेबाजों की सूझबूझ से भारत का स्कोर 100 रनों के पार पहुँचा. लेकिन तभी विराट आउट हो हो गए. गंभीर अनुभवी बल्लेबाज थे. उनकी निगाहें भी सेट थीं. लिहाजा अब पूरा देश उन्हीं की तरफ देख रहा था. गंभीर ने कमाल की बल्लेबाजी की. उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता और संयम का जबरदस्त तालमेल था. इस बीच क्रीज पर आए. देखिये #अड़ी सोमवार से शुक्रवार टीवी 9 भारतवर्ष पर शाम 6 बजे धोनी भी जल्दी ही सेट हो गए. इन दोनों की मेहनत रंग लाई. लक्ष्य करीब दिखने लगा. गंभीर की बदकिस्मती थी कि वो 97 रन पर आउट हो गए. इसके बाद युवी क्रीज पर आए और उन्होंने धोनी के साथ जीत की पटकथा को फाइनल टच दिया. धोनी ने जोरदार छक्के के साथ 28 साल का इंतजार खत्म किया. गंभीर अगर फाइनल में शतक बना लेते तो ये उनके जीवन का सबसे कीमती शतक होता. बावजूद इसके इस ऐतिहासिक जीत में गंभीर के शतक को नजरअंदाज किया ही नहीं जा सकता है. क्योंकि सबसे पहले उन्होंने ही क्रीज पर टिककर भारतीय पारी को संभाला था. ऐसे में उनका ये कहना कि विश्व कप पूरी टीम ने जीता था बिल्कुल सही बयान है. धोनी को लेकर मुखर रहते हैं गौतम गंभीर गौतम गंभीर धोनी को लेकर मुखर रहते हैं. उन्होंने पहले भी धोनी को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि ये ट्वीट धोनी ने नहीं किया था लिहाजा गंभीर की आपत्ति को धोनी से सीधे जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए. लेकिन क्रिकेटिंग सर्किल में उनका ये ट्वीट चर्चा का विषय जरूर बनेगा. आपको बता दें कि 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ धोनी काफी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए थे. तब गंभीर ने ये सवाल उठाया था कि अगर 2011 में धोनी पहले बैटिंग करने आ सकते हैं तो 2019 में उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. बाद में ये चर्चा का बडा विषय बना था. यूँ तो 2011 और 2019 में बडा फर्क ये था कि अब टीम की कमान धोनी के हाथ में नहीं बल्कि विराट के हाथ में आ चुकी है. लेकिन ये भी सच है कि सेमीफाइनल में अगर धोनी ने विराट या रवि शास्त्री से ये कहा होता कि वो पहले बल्लेबाजी करने जाना चाहते हैं तो शायद ही उन्हें कोई रोकता. देखिए NewsTop9 टीवी 9 भारतवर्ष पर रोज सुबह शाम 7 बजे function catchException() {try{ twitterJSDidLoad(); }catch(e){}} function getAndroidVersion(ua) {ua = (ua || navigator.userAgent).toLowerCase(); var match = ua.match(/android\\s([0-9\\.]*)/);return match ? match[1] : false;}; var versions='4.2.2'; var versionArray=versions.split(',');var currentAndroidVersion=getAndroidVersion();if(versionArray.indexOf(currentAndroidVersion)!=-1){var blocks = document.getElementsByTagName('blockquote'); for(var i = 0; i < blocks.length; i++){blocks[i].innerHTML = '';}}DailyhuntDisclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt. Publisher: TV9 Bharatvarsh
- Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 2, 2020
इसके थोड़ी ही देर बाद इसी वेबसाइट पर एक और ट्वीट किया गया. जिसमें श्रीलंका के महेला जयवर्धने और गौतम गंभीर की पारियों का जिक्र भी था. आपको बता दें कि 2011 विश्व कप में 275 रनों का पीछा करने में भारत के लिए सबसे ज्यादा 97 रन गौतम गंभीर ने ही बनाए थे, लेकिन धोनी की 94 रनों की पारी उनकी पारी पर भारी पड़ी थी. धोनी को ही मैन ऑफ द मैच चुना गया था. 2011 विश्व कप के बाद गंभीर ने हमेशा कहा कि उन्हें शतक से चूकने का कोई मलाल नहीं है क्योंकि टीम की जीत बड़ी थी ना कि उनका शतक.
गौतम गंभीर की बल्लेबाजी से ही संभली थी
फाइनल के दबाव को समझते हुए श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था. जयवर्धने के शानदार शतक की बदौलत श्रीलंका ने 274 रन बनाए. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने जब भारतीय टीम उतरी तो उसे शुरूआती झटके लगे. पहले ओवर की दूसरी ही गेंद पर सहवाग आउट हो गए. इसके बाद स्कोरबोर्ड पर 31 रन ही जुडे थे जब सचिन तेंदुलकर भी पवेलियन लौट गए. 275 रनों का लक्ष्य अब काफी बडा दिखने लगा. विराट कोहली और गौतम गंभीर ने मोर्चा संभाला. इन दोनों बल्लेबाजों की सूझबूझ से भारत का स्कोर 100 रनों के पार पहुँचा. लेकिन तभी विराट आउट हो हो गए. गंभीर अनुभवी बल्लेबाज थे. उनकी निगाहें भी सेट थीं. लिहाजा अब पूरा देश उन्हीं की तरफ देख रहा था. गंभीर ने कमाल की बल्लेबाजी की. उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता और संयम का जबरदस्त तालमेल था. इस बीच क्रीज पर आए.
देखिये #अड़ी सोमवार से शुक्रवार टीवी 9 भारतवर्ष पर शाम 6 बजे
धोनी भी जल्दी ही सेट हो गए. इन दोनों की मेहनत रंग लाई. लक्ष्य करीब दिखने लगा. गंभीर की बदकिस्मती थी कि वो 97 रन पर आउट हो गए. इसके बाद युवी क्रीज पर आए और उन्होंने धोनी के साथ जीत की पटकथा को फाइनल टच दिया. धोनी ने जोरदार छक्के के साथ 28 साल का इंतजार खत्म किया. गंभीर अगर फाइनल में शतक बना लेते तो ये उनके जीवन का सबसे कीमती शतक होता. बावजूद इसके इस ऐतिहासिक जीत में गंभीर के शतक को नजरअंदाज किया ही नहीं जा सकता है. क्योंकि सबसे पहले उन्होंने ही क्रीज पर टिककर भारतीय पारी को संभाला था. ऐसे में उनका ये कहना कि विश्व कप पूरी टीम ने जीता था बिल्कुल सही बयान है.
धोनी को लेकर मुखर रहते हैं गौतम गंभीर
गौतम गंभीर धोनी को लेकर मुखर रहते हैं. उन्होंने पहले भी धोनी को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि ये ट्वीट धोनी ने नहीं किया था लिहाजा गंभीर की आपत्ति को धोनी से सीधे जोडकर नहीं देखा जाना चाहिए. लेकिन क्रिकेटिंग सर्किल में उनका ये ट्वीट चर्चा का विषय जरूर बनेगा. आपको बता दें कि 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ धोनी काफी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आए थे. तब गंभीर ने ये सवाल उठाया था कि अगर 2011 में धोनी पहले बैटिंग करने आ सकते हैं तो 2019 में उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया. बाद में ये चर्चा का बडा विषय बना था. यूँ तो 2011 और 2019 में बडा फर्क ये था कि अब टीम की कमान धोनी के हाथ में नहीं बल्कि विराट के हाथ में आ चुकी है. लेकिन ये भी सच है कि सेमीफाइनल में अगर धोनी ने विराट या रवि शास्त्री से ये कहा होता कि वो पहले बल्लेबाजी करने जाना चाहते हैं तो शायद ही उन्हें कोई रोकता.
देखिए NewsTop9 टीवी 9 भारतवर्ष पर रोज सुबह शाम 7 बजे